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धर्मांतरण रैकेट में छांगुर बाबा को दुबई से 15 करोड़ की फंडिंग, ED की जांच में बड़े खुलासे

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन द्वारा संचालित एक कथित धर्मांतरण रैकेट की जांच तेज कर दी है. एजेंसी को दुबई से भेजे गए 15 करोड़ रुपये पर संदेह है, जिसे नवीन रोहरा के खाते में भेजा गया था. इस पैसे का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हुआ हो सकता है. ED अब संपत्ति ज़ब्ती की तैयारी कर रही है और जांच को मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आगे बढ़ा रही है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

धार्मिक परिवर्तन के कथित रैकेट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच तेज कर दी है. जांच का केंद्र इस बार एक संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय फंडिंग है, जिसके तहत दुबई से भारत में 15 करोड़ रुपये भेजे जाने की बात सामने आई है. इस पैसे का संबंध जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों से जोड़ा जा रहा है, जो देशभर में धर्मांतरण के मामलों में पहले से ही निशाने पर हैं.

दुबई मेकारोबारी परिवार का धर्म बदला

ED को पूछताछ के दौरान पता चला कि छांगुर बाबा साल 2015 में दुबई गए थे. वहां उन्होंने दुबई में शिपिंग का व्यवसाय करने वाले व्यवसायी नवीन रोहरा, उनकी पत्नी और बेटे को कथित रूप से धर्म परिवर्तन के लिए प्रभावित किया. बाद में ये सभी छांगुर बाबा के साथ भारत लौटे. यह घटनाक्रम अब जांच एजेंसी के लिए अहम बन गया है, क्योंकि उसी के बाद से भारत में कई राज्यों में कथित धर्मांतरण गतिविधियों में तेजी आई.

वैध लेनदेन या छिपा हुआ षड्यंत्र?
नवीन रोहरा के भारतीय खाते में दुबई से जो 15 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं, उस पर ED को गंभीर शक है. छांगुर बाबा का दावा है कि यह रकम दुबई में कारोबार की बिक्री से प्राप्त हुई और कानूनी रूप से भारत लाई गई. लेकिन एजेंसी को शक है कि यह पैसा भारत में धार्मिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हुआ है. ED इस पैसे के स्रोत, गंतव्य और उपयोग को खंगाल रही है.

नवीन रोहरा से पूछताछ की तैयारी
अब ED की कोशिश है कि नवीन रोहरा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए, क्योंकि माना जा रहा है कि धन के लेन-देन और नेटवर्क की असली जानकारी उनके पास हो सकती है. दूसरी ओर, छांगुर बाबा पूछताछ में स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे और उन्होंने अधिकतर संपत्तियों की जिम्मेदारी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन पर डाल दी है. उनका कहना है, “संपत्तियाँ मेरी नहीं, नसरीन की हैं.”

63 करोड़ की संपत्तियों की जांच
एजेंसी अब चंगूर, नसरीन और नवीन से जुड़ी करीब 63 करोड़ की संपत्तियों की जांच कर रही है. विशेष रूप से बलरामपुर में खरीदी गई 4.11 करोड़ की संपत्ति को लेकर शक है कि इसे अवैध तरीकों से मिले पैसों से खरीदा गया है. ED इन लेन-देन को बारीकी से जांच रही है कि कहीं ये पैसा धर्मांतरण की गतिविधियों से तो नहीं जुड़ा हुआ.

कोर्ट क्लर्क से संबंध, लेकिन छांगुर की चुप्पी बनी पहेली
पूछताछ में छांगुर ने यह स्वीकार किया कि उनकी जान-पहचान राजेश कुमार उपाध्याय नामक एक कोर्ट क्लर्क से है. लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि दोनों के बीच किस प्रकार का संबंध था या क्या उन्होंने किसी तरह की कानूनी सहायता ली थी, तो वह इस सवाल पर चुप्पी साध गए. इससे जांच एजेंसी को और भी अधिक संदेह हुआ है.

तेजी से जुटाई जा रही जानकारी
छांगुर बाबा को ED की हिरासत में पांच दिन के लिए भेजा गया था, जो कि 1 अगस्त की शाम 5 बजे समाप्त हो रही है. इससे पहले अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जितना हो सके, उतनी जानकारी उनसे निकाली जा सके. चंगूर के वकील अज़ीज़ुल्लाह खान ने कोर्ट से नियमित स्वास्थ्य जांच की मांग की है, यह कहते हुए कि वह बुज़ुर्ग हैं और उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती.

जल्द होगी संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, ED अब इस मामले को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गंभीरता से देख रही है. संभावना है कि अगले सप्ताह से छांगुर और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को ज़ब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस पूरी जांच का मकसद सिर्फ एक व्यक्ति को पकड़ना नहीं है, बल्कि उस पूरे आर्थिक और वैचारिक नेटवर्क का पर्दाफाश करना है, जो कथित तौर पर भारत में अवैध धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.

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01 August 2025, 07:59 PM IST

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