लालू के लाल ने ठोकी ताल...महुआ से तेज प्रताप लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव, महागठबंधन को होगा नुकसान?
तेज प्रताप यादव ने राजद से निष्कासन के बाद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ने की घोषणा की. उन्होंने पारिवारिक राजनीति से अलग होकर जनसेवा और सिद्धांत आधारित राजनीति की बात कही. यह निर्णय राजद में चल रहे पारिवारिक मतभेदों को और उजागर करता है, जिससे बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है.

बिहार की राजनीति में हलचल मचाते हुए पूर्व विधायक तेज प्रताप यादव ने शनिवार को ऐलान किया कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरेंगे. यह निर्णय उनके पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा पार्टी से निकाले जाने के कुछ महीनों बाद सामने आया है. तेज प्रताप ने इसे आत्मसम्मान और जनसेवा के रास्ते पर चलने का फैसला बताया.
राजद से दरकिनार
तेज प्रताप यादव, जो कभी राष्ट्रीय जनता दल के तेजतर्रार नेता माने जाते थे, हाल ही में पार्टी से निलंबन का सामना कर चुके हैं. उनके और पार्टी नेतृत्व विशेषकर अपने छोटे भाई व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच रिश्ते काफी समय से तनावपूर्ण रहे हैं. पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता और सार्वजनिक बयानों में संगठन की आलोचना करने के आरोप में लालू प्रसाद ने उन्हें राजद से बाहर का रास्ता दिखाया.
#WATCH | Patna, Bihar: Former state minister Tej Pratap Yadav says, "Team Tej Pratap Yadav is a platform to reach the people... This time, Uncle (Nitish Kumar) will not become the Chief Minister. Whoever's government is formed, if they talk about youth, employment, education, and… pic.twitter.com/gpb8cJK2e9
— ANI (@ANI) July 26, 2025
स्वतंत्र चुनाव लड़ने का ऐलान
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेज प्रताप ने कहा, “मैं अब किसी पार्टी का मोहताज नहीं रहूंगा. मेरी राजनीति अब जनता और सिद्धांतों पर आधारित होगी, न कि परिवारवाद पर.” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह बिहार के युवाओं, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरेंगे.
नई पार्टी बनाने के संकेत नहीं
फिलहाल तेज प्रताप ने किसी नई पार्टी के गठन की घोषणा नहीं की है, लेकिन उनके समर्थक और कुछ पूर्व राजद नेता उनके साथ जुड़ने की तैयारी में हैं. जानकारों का मानना है कि तेज प्रताप स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर अपनी राजनीतिक ताकत मापना चाहते हैं, ताकि भविष्य में वे कोई बड़ा राजनीतिक मंच तैयार कर सकें.
पारिवारिक दरार हुई सार्वजनिक
लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से अलग रास्ता चुनने के तेज प्रताप के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजद परिवार में मतभेद अब चरम पर पहुंच चुके हैं. तेज प्रताप पहले भी पार्टी के कई फैसलों से असहमति जता चुके हैं, और उन्होंने कई बार अपने पिता को भी निशाने पर लिया है.
चुनावी समीकरणों पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना बिहार की राजनीति, विशेषकर राजद के पारंपरिक वोट बैंक में फूट डाल सकता है. यदि तेज प्रताप सीमित लेकिन प्रभावशाली समर्थन जुटाने में सफल रहते हैं, तो इससे तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता को भी चुनौती मिल सकती है.


