पंजाब में शिक्षा का उज्जवल भविष्य, हरजोत सिंह बैंस के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के नेतृत्व में स्कूलों का अधोसंरचना विकास, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब और इंटरएक्टिव पैनल लगाए गए हैं. स्कूल ऑफ एमिनेंस योजना से शिक्षा में नवाचार आया है. शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण भेजा गया, जिससे विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्राप्त हो रही है.

पंजाब सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर और बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है. इसी क्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने संगरूर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में शिक्षकों से सीधे संवाद कर उनके सुझाव और अनुभव सुने.
यह संवाद सत्र “शिक्षकों से संवाद” कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया, जिसका मकसद यह था कि शिक्षक अपने अनुभव साझा करें और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए सुझाव दें. मंत्री ने इस दौरान शिक्षकों से फीडबैक भी लिया ताकि नीति निर्माण में शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके.
शिक्षकों से मिलीं सुझावों पर होगा अमल
संगरूर जिले के स्कूलों के प्रमुखों से मुलाकात करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि शिक्षकों के विचार बेहद अहम हैं. उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि सरकार इन सुझावों को गंभीरता से लेगी और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाएगी. इस बातचीत में विशेष रूप से स्कूलों के ढांचागत संसाधनों, पढ़ाई की गुणवत्ता, और छात्रों की भागीदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई.
सरकारी स्कूल बन रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान
मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार केवल दिखावे की नहीं, बल्कि परिणामों पर आधारित नीति अपना रही है.
इस दिशा में एक बड़ा कदम कंप्यूटर लैबों के नवीनीकरण की योजना है, जिस पर सरकार 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी. साथ ही स्कूलों में अब इंटरएक्टिव पैनल लगाए जा रहे हैं ताकि पढ़ाई ज्यादा आकर्षक और तकनीकी रूप से उन्नत हो सके.
शिक्षकों को मिलेगा विदेशी प्रशिक्षण
मंत्री ने घोषणा की कि शिक्षकों के तीसरे बैच को सिंगापुर और फिनलैंड जैसे देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा. यह चयन पूरी तरह मेरिट आधारित होगा ताकि योग्य और मेहनती शिक्षक नई तकनीकों और पद्धतियों को सीखकर लौटें और उन्हें पंजाब के स्कूलों में लागू करें.
इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में 400 नए प्रिंसिपलों की नियुक्ति की गई है, स्कूलों में बैठने की बेहतर व्यवस्था की गई है और सफाई व्यवस्था को भी सुधारा गया है.
प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पंजाब का शानदार प्रदर्शन
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (NAS) 2024 में पंजाब के सरकारी स्कूलों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को और मज़बूत किया है. यही नहीं, सरकारी स्कूलों के 845 विद्यार्थियों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में सफलता हासिल की है, जबकि 265 छात्रों ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE Mains को पास किया है. यह आंकड़े बताते हैं कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षा का स्तर वाकई ऊँचा हो रहा है और विद्यार्थी भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार हो रहे हैं.
पंजाब सरकार ने शुरू की नई पहल
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य और बेहतर स्कूली जीवन के लिए कई नई पहलें शुरू की हैं. इनमें 'School of Eminence', 'School of Happiness', और 'School of Brilliance' शामिल हैं. इन स्कूलों का उद्देश्य न सिर्फ अकादमिक शिक्षा देना है, बल्कि बच्चों की सोच, रचनात्मकता, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कौशल को भी मज़बूत करना है.
सरकार और शिक्षकों के बीच की दूरी कम
अंत में, शिक्षा मंत्री ने "शिक्षकों से संवाद" पहल को एक ऐसा मंच बताया जहाँ शिक्षकों की बातें सिर्फ सुनी ही नहीं जातीं, बल्कि उन पर अमल भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि यह मंच सरकार और शिक्षकों के बीच की दूरी को कम करता है और शिक्षा सुधार की दिशा में एकता से काम करने का अवसर देता है.
शिक्षकों और छात्रों के हित में काम
हरजोत सिंह बैंस ने शिक्षकों को उनके निरंतर प्रयासों के लिए बधाई दी और भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए शिक्षकों और छात्रों दोनों के हित में काम करती रहेगी.
पंजाब सरकार की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ रही है. शिक्षकों से सीधा संवाद, विदेशी प्रशिक्षण, तकनीकी सुधार और ढांचागत विकास ये सभी प्रयास राज्य में सरकारी स्कूलों को एक नई पहचान दिलाने की ओर अग्रसर हैं.


