Mansa Devi Bhagdad: टूटी चूड़ियां, बिखरे चप्पल, सुरक्षा में चूक या अफवाह की मार... पुलिस ने शुरू की जांच
श्रावण के पवित्र दिन हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी. अचानक बिजली के तार गिरने की अफवाह फैलने से भगदड़ मच गई. हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 22 घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. प्रशासन का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और तार गिरने की पुष्टि अभी नहीं हुई है.

श्रावण महीने का पावन दिन था. रविवार की सुबह भक्तों की भारी भीड़ मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी थी. सिर पर चुनरी, हाथों में फूल और प्रसाद लिए लोग भक्ति में लीन थे, लेकिन कुछ ही पलों में भक्ति का माहौल चीख-पुकार और अफरा-तफरी में बदल गया.
अफवाह बनी मौत की वजह
6 की मौत 22 घायल
इस भगदड़ में अब तक 6 लोगों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हुई है. मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. वहीं 22 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 8 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल बताए जा रहे हैं. मंदिर परिसर की सीढ़ियों पर टूटी चूड़ियां, चप्पलें और बिखरे सामान घटना की भयावहता को बयान करते हैं.
मंदिर पहुंचने का एक ही रास्ता
जानकारी के अनुसार, मनसा देवी मंदिर तक केवल पैदल रास्ता है, जो संकरा और लंबा है. यही कारण है कि वहां अक्सर भीड़ बनी रहती है. सावन के रविवार को तो भक्तों की संख्या और बढ़ जाती है. इसी दिन हादसा हुआ जब भीड़ काबू से बाहर हो गई.
“हमें कुछ समझ ही नहीं आया”
एक घायल व्यक्ति ने बताया, “हम मंदिर से सिर्फ़ 20-25 कदम की दूरी पर थे. अचानक शोर मचा और भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी. मैं गिर गया और मेरे ऊपर कई लोग गिर गए. परिवार के 3 सदस्य तो मिल गए, लेकिन दो अभी भी नहीं मिले हैं.” एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “भीड़ बहुत ज़्यादा थी. जब भगदड़ मची, मैं गिर गई और मेरा हाथ टूट गया.”
बिजली का तार गिरा था या सिर्फ़ अफवाह?
इस हादसे के पीछे की असली वजह को लेकर विभिन्न दावे सामने आए हैं. नगर थाना प्रभारी रितेश साहा ने बताया कि "तार गिरा और तभी भगदड़ मच गई." वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार अस्पतला में भर्ती एक व्यक्ति को करंट लगने से झुलसने की बात सामने आई है. बाकी सभी की मौत भगदड़ में चोट लगने से हुई.
प्रशासन की जांच जारी
अधिकारियों का कहना है कि यह हादसा बिजली के तार की अफवाह के चलते हुआ. हालांकि, मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है ताकि असली कारण सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें.
श्रद्धा से शुरू हुआ दिन मातम में बदला
श्रावण जैसे पवित्र महीने में मनसा देवी मंदिर में जो हुआ, उसने श्रद्धालुओं को गहरा सदमा दिया है. जहां भक्त भगवान की आराधना करने आए थे, वहां कुछ ही पलों में हाहाकार और मातम छा गया. यह घटना न सिर्फ़ एक प्रशासनिक लापरवाही का संकेत देती है, बल्कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर ज़रूरत को भी उजागर करती है.


