बाढ़ प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर सफाई और पुनर्वास अभियान, सीएम मान की घोषणा
सीएम भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित 2300 गांवों में 100 करोड़ रुपये की लागत से सफाई, पुनर्वास और मेडिकल कैंप लगाने की घोषणा की. सरकार ने किसानों और पशुओं के लिए भी विशेष राहत उपाय शुरू किए हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को ऐलान किया कि राज्य के बाढ़ प्रभावित गांवों और कस्बों में 100 करोड़ रुपये की लागत से एक व्यापक पुनर्वास और सफाई अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतर रहा है, लेकिन अब गांवों में कीचड़, गंदगी और मलबा जमा हो गया है. ऐसे में जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए तुरंत बड़े स्तर पर सफाई की जरूरत है.
2300 गांवों में सफाई अभियान
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने 2300 प्रभावित गांवों और वार्डों के लिए टीमें गठित की हैं. प्रत्येक टीम को जेसीबी मशीनें, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और श्रमिक मुहैया कराए जाएंगे. ये टीमें न सिर्फ कीचड़ और मलबा हटाएंगी, बल्कि मरे हुए जानवरों का निपटारा भी करेंगी. इसके बाद फॉगिंग और कीटाणुनाशक छिड़काव किया जाएगा ताकि बीमारियां फैलने से रोकी जा सकें.
तय समयसीमा और फंड
मान ने कहा कि 24 सितंबर तक सभी गांवों को मलबे और कीचड़ से मुक्त कर दिया जाएगा, जबकि 15 अक्टूबर तक सार्वजनिक स्थानों की मरम्मत का काम पूरा होगा. 22 अक्टूबर तक तालाबों की सफाई का लक्ष्य रखा गया है. इस पूरे अभियान के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. शुरुआती तौर पर हर प्रभावित गांव को एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर जरूरी इंतजाम हो सकें.
स्वास्थ्य सुविधाएं और मेडिकल कैंप
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बीमारी फैलने का खतरा सबसे बड़ा है. इसलिए सभी प्रभावित गांवों में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे. जहां 596 गांवों में आम आदमी क्लीनिक पहले से मौजूद हैं, वहीं बाकी 1707 गांवों में कैंप स्कूलों, धर्मशालाओं या पंचायत भवनों में लगाए जाएंगे. इन कैंपों में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और दवाइयां उपलब्ध होंगी. सरकार ने 550 एम्बुलेंस की व्यवस्था की है ताकि मरीजों तक समय पर चिकित्सा सेवाएं पहुंच सकें.
पशुओं के लिए विशेष अभियान
सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लगभग 2.5 लाख पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी कदम उठाए हैं. सभी गांवों में पशु चिकित्सकों की टीमें तैनात होंगी. मलबा और खराब चारा हटाकर स्थानों को कीटाणुमुक्त किया जाएगा. किसानों को पोटाशियम परमैंगनेट दिया जाएगा ताकि पानी और चारे को सुरक्षित बनाया जा सके. मान ने कहा कि 30 सितंबर तक सभी प्रभावित पशुओं का टीकाकरण पूरा किया जाएगा.
मंडियों की तैयारी और किसानों को राहत
मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि धान की खरीद समय पर होगी. 16 सितंबर से मंडियों में खरीद शुरू करने की तैयारी है. बाढ़ से प्रभावित मंडियों की सफाई और मरम्मत 19 सितंबर तक पूरी कर दी जाएगी ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में किसानों के लिए हर मदद अहम है और सरकार पूरी ताकत से उनके साथ खड़ी है.
भाजपा पर निशाना
मान ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मुश्किल वक्त में उन्होंने पंजाब की मदद नहीं की और अब बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र ने पंजाब को कितना फंड दिया है और कितना खर्च हुआ है, इसका हिसाब जनता के सामने रखा जाए. मुख्यमंत्री ने बताया कि 2010 से अब तक राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) में 5012 करोड़ रुपये आए हैं, जिनमें से 3820 करोड़ रुपये प्राकृतिक आपदाओं के समय खर्च किए जा चुके हैं.
एकजुटता का आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब के लोगों की मदद करने का है. उन्होंने सभी संगठनों, युवा क्लबों और स्वयंसेवी संस्थाओं से सहयोग की अपील की. मान ने भरोसा जताया कि पंजाब एकजुट होकर इस आपदा से बाहर निकलेगा और फिर से ‘रंगला पंजाब’ बनेगा.


