मेरठ में मुस्लिम-ओनली कॉलोनी को लेकर हंगामा! अब्दुल्ला रेजीडेंसी में हिंदुओं की एंट्री पर रोक का आरोप
मेरठ में अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद गर्मा गया है. आरोप है कि कॉलोनी में केवल एक धर्म के लोगों को बसाया जा रहा है और हिंदू समुदाय के लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति नहीं दी जा रही. मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर हलचल मचा दी है.

Meerut Abdullah Residency: मुंबई के बाद अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पास बन रही अब्दुल्ला रेजीडेंसी भी विवादों में घिर गई है. आरोप है कि इस कॉलोनी में हिंदू समुदाय के लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति नहीं दी जा रही. मामले ने राजनीतिक और सामाजिक चर्चा को जन्म दे दिया है. साथ ही कॉलोनी परिसर में मस्जिद के निर्माण और गैंगस्टर शारीक परिवार की जमीन शामिल होने की बातें सामने आई हैं.
ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं. मंत्री ने कहा कि मेरठ का विकास सबके लिए है और किसी एक धर्म तक सीमित नहीं किया जा सकता. उन्होंने साफ कहा कि धार्मिक आधार पर कॉलोनी बसाने का कोई प्रयास सफल नहीं होगा.
विवादो में अब्दुल्ला रेजीडेंसी
मंत्री तोमर के अनुसार, उनके संज्ञान में आया है कि अब्दुल्ला रेजीडेंसी में केवल एक धर्म विशेष के लोगों को बसाने की योजना बनाई गई है. ये सोच पूरी तरह गलत है. इसके अलावा, कॉलोनी में मस्जिद के नक्शे की वैधता और गैंगस्टर शारीक परिवार की जमीन शामिल होने की बातें भी जांच के दायरे में हैं. ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने कहा, "मेरठ में विकास सबके लिए है, किसी एक धर्म तक सीमित नहीं हो सकता. यदि जरूरत पड़ी तो जिला स्तर से लेकर उच्च स्तर तक जांच करवाई जाएगी."
सोमेंद्र तोमर ने बताया कि 2017 से पहले मेरठ को दंगों के लिए बदनाम कर दिया गया था. उन्होंने कहा, "1857 की क्रांति का शुभारंभ मेरठ से हुआ था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने कुछ वर्ग विशेष को संरक्षण देकर शहर का माहौल बिगाड़ दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2017 के बाद मेरठ ने विकास की नई राह पकड़ी है और अब यह NCR के तेजी से विकसित होते जिले के रूप में पहचाना जा रहा है."
मुंबई में धर्म आधारित प्रोजेक्ट विवाद
इससे पहले मुंबई में केवल मुसलमानों के लिए टाउनशिप प्रोजेक्ट को लेकर विवाद खड़ा हो चुका है. प्रोजेक्ट के विज्ञापन में कहा गया था कि हलाल अपार्टमेंट में हिंदुओं की एंट्री नहीं होगी. इस पर बवाल होने के बाद विज्ञापन वापस ले लिया गया.


