छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लगा बड़ा झटका, 43 महिलाएं समेत 78 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
Chhattisgarh Maoist Surrender : छत्तीसगढ़ के तीन जिलों में 78 माओवादियों, जिनमें 43 महिलाएं और दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य शामिल हैं, ने आत्मसमर्पण किया. यह घटना गढ़चिरौली में वरिष्ठ माओवादी भूपति सहित 61 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के एक दिन बाद हुई. आत्मसमर्पित नक्सलियों ने हिंसा त्यागकर सरकार की पुनर्वास नीति और विकास योजनाओं से प्रेरित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री ने इसे नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार बताया.

Chhattisgarh Maoist Surrender : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को करारा झटका देते हुए बुधवार को राज्य के तीन जिलों सुकमा, कांकेर और कोण्डागांव में कुल 78 माओवादियों ने हथियार डाल दिए. आत्मसमर्पण करने वालों में 43 महिलाएं और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) की दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति (DKSZC) के कम से कम दो सदस्य शामिल हैं. यह घटनाक्रम महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में मंगलवार को हुए बड़े आत्मसमर्पण के बाद सामने आया है, जहां वयोवृद्ध माओवादी नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति और उनके साथ 60 कैडर सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
27 माओवादी हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटे
इनामी नक्सलियों ने भी किया आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण करने वालों में पीएलजीए की सबसे शक्तिशाली सैन्य इकाई बटालियन नं. 1 के सदस्य 53 वर्षीय ओयाम लखमु शामिल हैं, जिन पर ₹10 लाख का इनाम था. इसके अलावा, तीन महिला माओवादी मडवी भीमा, सुनीता उर्फ कावासी सोमड़ी और सोड़ी मासे पर ₹8 लाख तक का इनाम घोषित था. उन्हें तत्काल ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी गई है और सरकार की पुनर्वास नीति के अनुसार आगे की सहायता प्रदान की जाएगी.
कांकेर में 50 का सामूहिक आत्मसमर्पण
कांकेर जिले में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 40वीं बटालियन के कैमतेरा कैंप में 50 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 32 महिलाएं शामिल थीं. यह आत्मसमर्पण विशेष रूप से महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि इसमें दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति के दो सदस्य राजमन मांडवी और राजू सलाम शामिल थे. इन माओवादियों ने कुल 39 हथियार सुरक्षा बलों को सौंपे, जिनमें सात AK-47 राइफलें, दो सेल्फ-लोडिंग राइफलें, चार INSAS राइफलें, एक INSAS LMG और एक स्टेनगन शामिल हैं.
सरकार की रणनीतिक नीति का परिणाम
इनमें से पांच माओवादी मंडल समिति के सदस्य थे प्रसाद टडामी, हीरालाल कोमरा, जुगनू कोवाची, नरसिंह नेताम और नंदे (जो कि राजमन मांडवी की पत्नी हैं). इसके अतिरिक्त 21 क्षेत्रीय समिति के सदस्य और 21 अन्य कैडर पार्टी सदस्य थे. सुरक्षा अधिकारियों ने इसे सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों और सरकार की रणनीतिक नीति का परिणाम बताया है.
कोण्डागांव में महिला माओवादी कमांडर का आत्मसमर्पण
कोण्डागांव जिले में भी एक महिला माओवादी गीता उर्फ कमली सलाम ने आत्मसमर्पण किया, जो पूर्व में माओवादियों की ईस्ट बस्तर डिवीजन की टेलर टीम की कमांडर थी. उस पर ₹5 लाख का इनाम घोषित था. अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण के पीछे सरकार की पुनर्वास नीति और ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रभावशीलता मुख्य कारक रही.
2000 से अधिक माओवादी कर चुके आत्मसमर्पण
यह सिलसिला दिसंबर 2023 से जारी है, जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी थी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने इस घटनाक्रम को माओवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ बताया है. उनके अनुसार, अब तक लगभग 2,000 माओवादी हथियार छोड़ चुके हैं, जो कि सरकार और सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत को 2026 तक नक्सलवाद मुक्त बनाने का लक्ष्य तेजी से साकार हो रहा है.
भूपति सहित 61 माओवादी बने मुख्यधारा का हिस्सा
इससे एक दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में माओवादी पोलितब्यूरो के सदस्य भूपति सहित 61 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था. मुख्यमंत्री साई ने इसे नक्सलवाद की विचारधारा को निर्णायक झटका बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “नक्सलवाद जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती बना हुआ था, अब हर मोर्चे पर कमजोर हो रहा है और अपने अंतिम चरण में है.”


