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न MP बनना है, न MLA और न मंत्री, लेकिन...अखिलेश यादव को अवध ओझा ने बताई अपने मन की बात

देश के मशहूर टीचर और मोटिवेशनल गुरु अवध ओझा ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देते हुए इसे अपना व्यक्तिगत निर्णय बताया है. इसके साथ ही उन्होंने एक पॉडकास्ट में बताया कि मैं अखिलेश यादव को लिखकर दे आया हूं कि न MP बनना है, न MLA और न मंत्री.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : मशहूर कोचिंग टीचर अवध ओझा ने सार्वजनिक रूप से राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. उन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया. ओझा का कहना है कि राजनीति से अलग होने का निर्णय पूरी तरह उनका निजी फैसला है. एक्स पर लिखे एक संदेश में उन्होंने साफ कहा कि उन्हें राजनीति में मिला सम्मान हमेशा याद रहेगा, लेकिन अब वह सक्रिय राजनीति से स्वयं को अलग कर रहे हैं.

अखिलेश यादव से करीब तीन घंटे बातचीत हुई 

आपको बता दें कि अवध ओझा ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपनी मन की बात साझा की. उन्होंने बताया कि उनकी समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से करीब तीन घंटे तक गहन बातचीत हुई. यह मुलाकात मुख्य रूप से शिक्षा व्यवस्था पर केंद्रित थी. बातचीत खत्म होने के बाद ओझा ने अखिलेश यादव को एक पत्र भी दिया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा कि उन्हें न सांसद बनना है, न विधायक और न मंत्री पद में कोई रुचि है. उनका कहना है कि विजय चौहान ने वह पत्र अखिलेश यादव को पढ़कर सुनाया होगा.

सत्ता में कोई अपना आदमी पहुंचे, ताकि...
पॉडकास्ट में ओझा ने इस बात का भी खुलकर जिक्र किया कि उनकी इच्छा सिर्फ इतनी है कि सत्ता में कोई ऐसा व्यक्ति पहुंचे जो शिक्षा के सुधार को प्राथमिकता दे सके. उनका मानना है कि यदि नीति-निर्माण की कुर्सी पर ऐसा कोई व्यक्ति बैठता है जिसे वह समझा सकें या जो उनकी शैक्षणिक दृष्टि को समझता हो, तब ही वह बदलाव संभव हो पाएगा जिसकी वह लंबे समय से बात करते आए हैं. ओझा ने कहा कि शायद बहुत समय बाद अखिलेश यादव को कोई ऐसा व्यक्ति मिला होगा जिसके साथ वह इतिहास, राजनीति और भूगोल जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा कर सके.

पटपड़गंज सीट से लड़ा था विधानसभा चुनाव 
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में ओझा पटपड़गंज सीट से उम्मीदवार थे, लेकिन यह चुनाव वह हार गए. इसके बाद ही राजनीतिक सक्रियता कम होती गई और उनके चुनाव न लड़ने की चर्चाएँ शुरू हो गईं. अंततः उन्होंने राजनीति छोड़ने का आधिकारिक ऐलान कर दिया. उन्होंने अपने संदेश में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के सभी सहयोगियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका यह निर्णय पूरी तरह उनकी व्यक्तिगत इच्छा है.

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02 December 2025, 03:38 PM IST

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