क्या प्रशांत किशोर सच में CM बनना नहीं चाहते? सारण में किया बड़ा एलान!
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे प्रशांत किशोर ने सारण में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य केवल मुख्यमंत्री बनना नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि वे बिहार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहते हैं, ताकि लोग रोजगार के लिए बाहर नहीं बल्कि बिहार में आएं. क्या ये बयान एक नई राजनीति की शुरुआत है?

Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और हर राजनीतिक दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने में लगा हुआ है. इस बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक और बिहार के चर्चित राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सारण में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक बड़ा एलान किया. उनके इस बयान ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे मुख्यमंत्री बनने का इरादा नहीं रखते हैं?
प्रशांत किशोर ने CM बनने की अफवाहों पर लगाई रोक
बिहार के सारण जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने उन अफवाहों को खारिज किया जो यह कह रही थीं कि वे मुख्यमंत्री बनने के लिए चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि मैं CM बनना चाहता हूं लेकिन आप मुझे नहीं जानते. मेरा सपना इतना छोटा नहीं है. मैं तो 10 CM बनाने में मदद कर चुका हूं और अब मैं बिहार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहता हूं.'
यह बयान प्रशांत किशोर के राजनीतिक नजरिए को और स्पष्ट करता है. उनका लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि बिहार के विकास को एक नई दिशा देना है. वे चाहते हैं कि बिहार में वह दिन आए जब लोग रोजगार के लिए हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र से बिहार आएं.
बिहार में बदलाव की आंधी
प्रशांत किशोर ने लोगों से अपील की कि वे बिहार के विकास के लिए उनके साथ जुड़ें और इस बदलाव की शुरुआत करें. उन्होंने कहा, 'हमारे लक्ष्य के बारे में साफ है, हमें ऐसा बिहार चाहिए जहां लोग केवल बाहर से काम करने के लिए ना जाएं बल्कि बाहर से लोग बिहार में रोजगार के लिए आएं.'
विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर अपनी पार्टी के जरिए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हुए हैं. उनका विश्वास है कि यदि बिहार में लोगों का सही नेतृत्व मिल जाए तो इस राज्य में भी विकास की गति तेज हो सकती है.
जन सुराज पार्टी का बढ़ता प्रभाव
चुनाव के पहले प्रशांत किशोर के कदम तेज़ हो गए हैं. वे राज्य भर में लगातार जनसंपर्क बढ़ा रहे हैं और लोगों से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं. हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) को जन सुराज पार्टी में विलय कर दिया जो इस पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता का संकेत है. इस विलय ने जन सुराज पार्टी को और भी मजबूती दी है.
क्या होगा चुनावी भविष्य?
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि बिहार की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को समर्थन देती है? प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को कितना समर्थन मिलेगा, ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा. लेकिन फिलहाल सभी राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं और हर कोई ये सुनिश्चित करना चाहता है कि बिहार में उनकी पार्टी का ही सिक्का चले.


