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पुलवामा से इलेक्ट्रीशियन तुफैल सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ा...लाल किला ब्लास्ट केस में हिरासत में एक और संदिग्ध

दिल्ली के रेड फोर्ट धमाके मामले में पुलवामा के तुफैल अहमद को SIA और SOG ने गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला कि तुफैल का रोल व्यापक था और वह जैश-ए-मोहम्मद नेटवर्क से जुड़ा था. आत्मघाती हमलावर उमर नबी और अन्य मेडिकल स्टाफ भी संदिग्ध हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : दिल्ली के ऐतिहासिक रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर को हुए धमाके के मामले में जांच लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है. इस कड़ी में जम्मू-कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने पुलवामा के रहने वाले तुफैल अहमद को गिरफ्तार किया है. तुफैल पेशे से इलेक्ट्रिशियन है और स्थानीय इंडस्ट्रियल एस्टेट में कार्यरत था. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसके नेटवर्क और भूमिका की गंभीरता सामने आई है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि उसका रोल शुरुआती अनुमान से कहीं बड़ा हो सकता है. 

SIA और SOG नेटवर्क की तहकीकात कर रही

आपको बता दें कि जांच सूत्रों के अनुसार, तुफैल के संपर्क, गतिविधियों और दिल्ली ब्लास्ट की योजना में योगदान को लेकर कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. एजेंसियां यह पता लगाने ोमें जुटी हैं कि तुफैल किन अन्य संदिग्धों के संपर्क में था और उसने किस प्रकार की मदद की. SIA और SOG की टीमें पहले से ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े इंटरस्टेट नेटवर्क की तहकीकात कर रही थीं, और तुफैल की गिरफ्तारी इसी कार्रवाई का हिस्सा मानी जा रही है.

उमर नबी एक मेडिकल छात्र और असिस्टेंट टीचर था
जांच में यह भी पता चला है कि आत्मघाती हमलावर उमर नबी एक मेडिकल छात्र और अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट टीचर था. उसके साथी डॉ. मुजफ्फर और अन्य मेडिकल स्टाफ को भी संदिग्ध मानते हुए गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने विस्फोटक सामग्री और हथियार भी बरामद किए हैं. जांच के अनुसार यह पूरा मामला जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ है.

10 नवंबर को हुआ था धमाका 
10 नवंबर को रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास एक सफेद हुंडई i20 कार में धमाका हुआ था, जिसमें कम से कम 14 लोगों की जान गई. उमर नबी ने कार चलाकर यह आत्मघाती हमला अंजाम दिया. जांच एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि धमाका एक बड़ी साजिश का हिस्सा था, जिसमें कई लोकेशनों पर हमला करने की योजना बनाई गई थी और इसके लिए आरोपियों ने खुद पैसे जुटाए थे.

सरकारी गंभीरता और आगे की कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्री इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे शामिल सभी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस और जांच एजेंसियां तुफैल के संपर्कों, फोन रिकॉर्ड्स और गतिविधियों की और गहन जांच कर रही हैं. संदिग्धों की गिरफ्तारी और नेटवर्क के हर सदस्य तक पहुंचने की कोशिश जारी है.

इस पूरी जांच से यह स्पष्ट हो रहा है कि रेड फोर्ट धमाका केवल एक अकेली घटना नहीं थी, बल्कि यह एक संगठित आतंकी साजिश का हिस्सा थी. सुरक्षा एजेंसियां हर मोर्चे पर जांच को गति दे रही हैं ताकि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

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22 November 2025, 08:04 PM IST

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