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पुणे पुल हादसा: 4 की मौत, 51 घायल; उद्धव ठाकरे बोले 'यह आपराधिक लापरवाही है'

पुणे के मावल तालुका में इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना पुल रविवार को ढह गया, जिससे 4 लोगों की मौत और 51 घायल हो गए. हादसे के वक्त पुल पर 100 से अधिक लोग थे. उद्धव ठाकरे ने इसे सरकार की आपराधिक लापरवाही और बुनियादी ढांचे की विफलता बताया.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

महाराष्ट्र के पुणे जिले में रविवार 15 जून को एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने राज्य के बुनियादी ढांचे की पोल खोल दी. मावल तालुका के कुंडमला (इंदुरी) इलाके में इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया. उस वक्त पुल पर 100 से अधिक पर्यटक मौजूद थे, जिससे अफरा-तफरी मच गई.

प्रशासन की शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों में चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने और एक अज्ञात पुरुष शामिल हैं. करीब 51 लोग घायल बताए जा रहे हैं जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी चार निजी अस्पतालों – पवना, मायमर, अथर्व और युनिक हॉस्पिटल – में भर्ती कराया गया है.

उद्धव ठाकरे का सरकार पर तीखा हमला

इस दुर्घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने इसे "सरकार की आपराधिक लापरवाही" करार देते हुए कहा कि सरकार विकास की बातें करती है, लेकिन एक मजबूत पुल तक नहीं बनवा सकी. ठाकरे ने कहा, “एक 30 साल पुराना, जर्जर पुल जो 100 से ज्यादा पर्यटकों का बोझ नहीं झेल सका – ये किसकी ज़िम्मेदारी है? 44 लोग बह गए, कई घायल हैं और अब सरकार मौन है.”

शिवाजी महाराज की प्रतिमा का मुद्दा भी उठाया

उद्धव ठाकरे ने इस मौके पर मालवण में स्थित राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के चबूतरे की जमीन धंसने की घटना का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री द्वारा स्थापित प्रतिमा गिर चुकी है और अब नई प्रतिमा का चबूतरा भी धंस गया. “ये शिवरायों का सम्मान नहीं, अपमान है,” ठाकरे ने कहा. उन्होंने सरकार से इन घटनाओं की जवाबदेही लेने की मांग की.

राहत कार्य जारी, पुल से कई वाहन अब भी अटके
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, सीआरपीएफ और पीएमआरडीए की अग्निशमन टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. पुल का एक हिस्सा नदी से बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन कई बाइकें और संभवत: लोग अब भी फंसे हो सकते हैं. पूरा क्षेत्र सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया है.

सवालों के घेरे में बुनियादी ढांचा
यह हादसा न केवल पर्यटक स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाता है, बल्कि राज्य के बुनियादी ढांचे पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है. पुल दो गांवों को जोड़ने वाला एक अहम मार्ग था, जो अब पूरी तरह बंद कर दिया गया है. जांच जारी है और स्थानीय लोग दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

न्याय और मुआवज़े की मांग
उद्धव ठाकरे ने मृतकों के परिवारों को उचित मुआवज़ा और न्याय देने की मांग की है. साथ ही सरकार से अपील की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ठोस और समयबद्ध कदम उठाए जाएं ताकि कोई और परिवार इस त्रासदी का शिकार न बने.

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16 June 2025, 11:12 AM IST

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