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‘25 लाख का ऑफर’ बना जाल', पुणे के व्यक्ति से ऑनलाइन ठगों ने ऐंठे 11 लाख रुपये

पुणे में 44 वर्षीय ठेकेदार को 'प्रेग्नेंट जॉब' नामक फर्जी स्कीम का शिकार बनाकर 11 लाख रुपये से ठग लिया गया. आरोपी गिरोह ने पीड़ित को झांसा दिया कि एक महिला को गर्भवती करने के बदले 25 लाख रुपये का इनाम मिलेगा.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

मुंबई: पुणे में एक चौंकाने वाला ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें 44 वर्षीय ठेकेदार को 'प्रेग्नेंट जॉब' नामक फर्जी स्कीम का शिकार बनाकर 11 लाख रुपये से ठग लिया गया. आरोपी गिरोह ने पीड़ित को यह झांसा दिया कि उसे एक महिला को गर्भवती करने के बदले 25 लाख रुपये का इनाम मिलेगा.

मामला कैसे शुरू हुआ

बाणेर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, सितंबर की शुरुआत में पीड़ित व्यक्ति को सोशल मीडिया पर “प्रेग्नेंट जॉब” नाम से एक वीडियो विज्ञापन दिखाई दिया. वीडियो में एक महिला कहती नजर आई, मुझे ऐसा पुरुष चाहिए जो मुझे मां बनाए, मैं उसे 25 लाख रुपये दूंगी. मुझे उसकी जाति, शिक्षा या रूप-रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. इस वीडियो से प्रभावित होकर ठेकेदार ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया.

कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति ने खुद को प्रेग्नेंट जॉब कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि उसे नौकरी मिलने से पहले पंजीकरण और पहचान पत्र बनवाना जरूरी है. अगले कुछ हफ्तों में आरोपी गिरोह ने पीड़ित से पंजीकरण शुल्क, पहचान पत्र शुल्क, जीएसटी, टीडीएस, सत्यापन और प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर बार-बार पैसे मांगे. सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच ठेकेदार ने यूपीआई और आईएमपीएस के जरिए सौ से अधिक छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन किए, जिनकी कुल रकम करीब 11 लाख रुपये थी.

धोखाधड़ी का खुलासा

लगातार पैसे भेजने के बाद जब ठेकेदार ने काम की जानकारी मांगी तो आरोपी ने उसका संपर्क तोड़ दिया और मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया. ठगा गया महसूस करने पर पीड़ित ने बाणेर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और आरोपी गिरोह के फोन नंबरों व बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है.

पुलिस और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

एक जांच अधिकारी के अनुसार, पीड़ित को जल्दी अमीर बनने के लालच में फंसाया गया और योजनाबद्ध तरीके से उससे रकम ऐंठी गई. हम डिजिटल ट्रेल्स की जांच कर रहे हैं. साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रेग्नेंट जॉब स्कैम कोई नया मामला नहीं है. इस तरह के फर्जी विज्ञापन 2022 के अंत से देशभर में फैल चुके हैं. इनका मकसद लोगों को झूठे ऑफर दिखाकर उनसे चिकित्सा जांच, कानूनी कागजात या सुरक्षा राशि के नाम पर पैसे वसूलना होता है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी ऐसे कई गिरोह पकड़े जा चुके हैं, जो सोशल मीडिया और नकली वीडियो विज्ञापनों का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं. पुलिस ने आम जनता को ऐसे संदिग्ध ऑनलाइन प्रस्तावों से सावधान रहने की सलाह दी है.

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30 October 2025, 05:05 PM IST

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