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देश में किसानों को सबसे अधिक मुआवजा देने वाला राज्य बना पंजाब, मिलेंगे ₹20,000 प्रति एकड़

पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने किसानों की ज़िंदगी को झकझोर कर रख दिया, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को राहत देते हुए ₹20,000 प्रति एकड़ का मुआवज़ा देने का ऐतिहासिक फैसला लिया. यह देश में अब तक का सबसे बड़ा मुआवज़ा है. सरकार ने पीड़ित परिवारों को ₹4 लाख की सहायता और खेतों में जमी रेत को बेचने की अनुमति देकर किसानों को आर्थिक सहारा भी दिया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Punjab Flood Relief: पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने न सिर्फ़ खेतों को नुकसान पहुँचाया, बल्कि किसानों की मेहनत और उनके सपनों को भी पानी में बहा दिया. बाढ़ की विभीषिका ने सैकड़ों गांवों को चपेट में लिया और हजारों एकड़ फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं. ऐसे कठिन समय में जब किसान मायूसी और आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे थे, तब पंजाब सरकार ने उनके साथ खड़े होने का भरोसा दिया.

CM भगवंत मान का साहसिक निर्णय

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए त्वरित और प्रभावी निर्णय लिया. उन्होंने घोषणा की कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं, उन्हें ₹20,000 प्रति एकड़ की दर से मुआवज़ा दिया जाएगा. यह मुआवज़ा न सिर्फ़ पंजाब बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे अधिक है. यह फैसला बताता है कि मान सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि ज़मीनी हकीकत को समझकर कदम उठा रही है.

अन्य राज्यों की तुलना में पंजाब सबसे आगे
जब हम देश के अन्य राज्यों की तुलना करते हैं, तो पंजाब का यह मुआवज़ा असाधारण रूप से अधिक दिखाई देता है. हरियाणा में किसानों को अधिकतम ₹15,000 प्रति एकड़, गुजरात में लगभग ₹8,900, मध्य प्रदेश में ₹12,950 और उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान में ₹5,000 से ₹7,000 प्रति एकड़ तक मुआवज़ा दिया जा रहा है. ऐसे में पंजाब सरकार द्वारा ₹20,000 प्रति एकड़ की घोषणा किसानों की मेहनत और उनके योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि है.

सिर्फ मुआवजा नहीं, संवेदना का संदेश
इस राहत राशि के साथ-साथ मुख्यमंत्री मान ने बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिजनों को ₹4 लाख की सहायता देने की भी घोषणा की है. यही नहीं, खेतों में जमी रेत को बेचने की अनुमति देकर सरकार ने किसानों को तत्काल नक़दी कमाने का एक नया रास्ता भी प्रदान किया है, जिससे अगली बुवाई के लिए ज़रूरी संसाधन जुटाना संभव हो सकेगा. यह कदम यह दिखाता है कि सरकार केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक सहारा देने की दिशा में भी काम कर रही है.

किसानों के लिए खड़ी सरकार
आज जब पंजाब का किसान बाढ़ से तबाह खेतों के बीच अपनी अगली फसल की चिंता में डूबा हुआ है, ऐसे में यह राहत न केवल आर्थिक संबल है, बल्कि एक भावनात्मक ताक़त भी है. सरकार का यह संदेश पूरे प्रदेश में गूंज रहा है कि "किसान अगर डूबे, तो अर्थव्यवस्था भी डूबेगी", और इसलिए सबसे पहले किसान को संभालना ज़रूरी है. मान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह किसानों को सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि पंजाब की रीढ़ मानती है.

किसान की ताकत को सलाम
मान सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम केवल आर्थिक आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि किसानों की पीड़ा को दिल से महसूस करने का प्रमाण है. यह मुआवज़ा किसानों के आत्मविश्वास को मज़बूती देता है और उन्हें यह यक़ीन दिलाता है कि संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. आज जब देशभर में किसान सरकारों की उपेक्षा के शिकार होते हैं, तब पंजाब की यह नीति एक मिसाल बनकर उभरती है.

पंजाब की जीत, किसान की जीत
अंततः यह कहा जा सकता है कि किसान की खुशहाली ही पंजाब की असली पहचान है. बाढ़ के विनाश के बीच यह राहत योजना किसानों के लिए एक नई शुरुआत का अवसर है. मान सरकार का यह निर्णय दर्शाता है कि वह किसानों के दुख-दर्द को केवल आँकड़ों के ज़रिये नहीं देखती, बल्कि उनके संघर्ष को समझती है और उनका सम्मान करती है. यह कदम न केवल पंजाब, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श है कि जब बात किसानों की हो, तो सरकारों को दिल से फैसले लेने चाहिए.

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10 September 2025, 03:20 PM IST

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