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फायर सेफ्टी नियमों को लेकर पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, अब हर साल NOC रिन्यू करवाने की जरुरत नहीं

पंजाब सरकार ने फायर सेफ्टी एनओसी को लेकर बड़ा सुधार करते हुए इसकी वैधता अवधि बढ़ा दी है, जिससे अब हर साल रिन्यू करवाने की जरूरत नहीं होगी. नई डिजिटल प्रणाली से प्रक्रिया पारदर्शी, टैम्पर-प्रूफ और भ्रष्टाचारमुक्त हो गई है.

पंजाब सरकार ने फायर सेफ्टी एनओसी प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा फैसला लेते हुए व्यापारियों, बिल्डर्स और आम नागरिकों को बड़ी राहत दी है. अब राज्य में हर साल फायर सेफ्टी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) रिन्यू करवाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. इसके बजाय, अब इसे तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर दीर्घकालीन वैधता दी जाएगी.

कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंध ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस प्रशासनिक सुधार की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये फैसला 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देने और लालफीताशाही को खत्म करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. अब फायर एनओसी की प्रक्रिया ना केवल आसान होगी, बल्कि पूरी तरह से डिजिटल भी हो जाएगी.

अब एनओसी तीन श्रेणियों में

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि फायर एनओसी को अब 3 श्रेणियों में बांटा गया है, जिनकी वैधता इस प्रकार होगी:- 

श्रेणी 1: 5 सालों के लिए वैध

श्रेणी 2: 3 सालों के लिए वैध

श्रेणी 3: 1 साल के लिए वैध

इस नए ढांचे से उन लोगों को राहत मिलेगी, जिन्हें पहले हर साल एनओसी रिन्यू कराने के लिए विभागों के चक्कर लगाने पड़ते थे.

'अब प्रक्रिया पारदर्शी और टैम्पर-प्रूफ होगी': मंत्री

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंध ने स्पष्ट कहा कि हम लालफीताशाही की पुरानी व्यवस्था से बाहर निकल रहे हैं. हमारा लक्ष्य प्रशासनिक सेवाओं को तेज, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाना है. उन्होंने बताया कि पहले नागरिकों और बिल्डरों को अनुमोदन के लिए कई बार विभागों का दौरा करना पड़ता था, लेकिन अब ये प्रक्रिया आसान और समयबचाऊ होगी.

इसके साथ ही, मंत्री ने जानकारी दी कि अब रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट्स अपने भवन के फायर सेफ्टी प्लान सीधे एक सरकारी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सबमिट कर सकेंगे. ये पूरी प्रक्रिया अब डिजिटली संचालित होगी. इस पोर्टल के लॉन्च के साथ ही बिचौलियों की भूमिका खत्म हो चुकी है. आर्किटेक्ट द्वारा प्लान अपलोड करते ही वो सीधे सिस्टम में जाकर प्रोसेस हो जाएगा. ये प्रक्रिया अब पूरी तरह पारदर्शी और टैम्पर-प्रूफ होगी. 

आधुनिक फायर सेफ्टी मानकों पर फोकस

मंत्री ने आगे बताया कि अब फायर सेफ्टी की परिभाषा केवल पानी और बालू तक सीमित नहीं रही. अब आधुनिक उपकरण और तकनीक को सुरक्षा मानकों में शामिल किया जा रहा है ताकि इमारतों को बेहतर सुरक्षा मिल सके. एक और अहम फैसला लेते हुए सरकार ने भवनों की अधिकतम ऊंचाई की सीमा को 18 मीटर से बढ़ाकर 21 मीटर कर दिया है. इससे बिल्डर्स और प्लानर्स को ज्यादा लचीलापन मिलेगा और ये फैसला शहरी विकास के वर्तमान ट्रेंड्स के अनुरूप है.

प्रेस वार्ता के अंत में मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंध ने कहा कि हमारी हर नीति का उद्देश्य पंजाब को एक बेहतर, निवेश योग्य और रहने योग्य राज्य बनाना है. ये सिर्फ नियमों में बदलाव नहीं हैं, बल्कि विकास और सुशासन की दिशा में उठाया गया सशक्त कदम है.

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30 June 2025, 05:18 PM IST

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