पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जोरो पर, पिछले 24 घंटों में 4711 बाढ़ पीड़ित सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए
पंजाब सरकार द्वारा राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ी से जारी हैं. पिछले 24 घंटों में प्रशासन ने विभिन्न जिलों से कुल 4,711 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

पंजाब सरकार की त्वरित और सक्रिय कार्रवाई से राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ी से जारी हैं. पिछले 24 घंटों में प्रशासन ने विभिन्न जिलों से कुल 4,711 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. इनमें गुरदासपुर के 2,571, फिरोज़पुर के 812 और फाजिल्का के 1,239 लोग शामिल हैं. अब तक कुल 11,330 नागरिकों को बाढ़ से निकालकर राहत केंद्रों तक पहुंचाया जा चुका है.
9 ज़िलों में चल रहा बाढ़ राहत का कार्य
राज्य के 9 ज़िलों गुरदासपुर, फिरोज़पुर, फाजिल्का, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट, मोगा, तरनतारन और बरनाल में बाढ़ राहत का कार्य चल रहा है. वर्तमान में 77 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें 4,729 लोग शरण लिए हुए हैं. सबसे अधिक लोग फिरोज़पुर (3,450) और होशियारपुर (478) के शिविरों में रह रहे हैं.
प्रशासन द्वारा राहत सामग्री का वितरण लगातार किया जा रहा है. कपूरथला, गुरदासपुर, फाजिल्का, पठानकोट और अन्य जिलों में खाद्य सामग्री, पानी, दवाएं और आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं. फाजिल्का और कपूरथला में पिछले कुछ दिनों में बड़ी मात्रा में राहत सामग्री वितरित की गई है.
बचाव कार्यों में जुटी टीमें
बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, बीएसएफ और पंजाब पुलिस पूरी तरह जुटी हुई हैं. गुरदासपुर में एनडीआरएफ की 7 टीमें और पठानकोट में 2 टीमें तैनात हैं, जबकि कपूरथला में एसडीआरएफ की 2 टीमें सक्रिय हैं. सेना और वायुसेना भी बाढ़ राहत में प्रशासन की मदद कर रही है.
राज्य में अब तक बाढ़ से कुल 1,018 गांव प्रभावित हुए हैं. गुरदासपुर (323 गांव), कपूरथला (107), फिरोज़पुर (101) और होशियारपुर (85) सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं. इन क्षेत्रों में लोगों की आजीविका और जनजीवन दोनों पर बुरा असर पड़ा है.
फसलों और भूमि को व्यापक नुकसान
फसलों और भूमि को भी व्यापक नुकसान हुआ है. फाजिल्का में 16,632 हेक्टेयर, फिरोज़पुर में 10,806 हेक्टेयर और कपूरथला में 11,620 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई है. इससे किसानों को भारी आर्थिक झटका लगा है. सरकार ने राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए हालात पर कड़ी निगरानी रखी हुई है.


