बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल, सुप्रिया सुले की अमित शाह से मुलाकात ने बढ़ाई चर्चाएं
आने वाले BMC चुनावों से पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है. इस बीच, शरद पवार की NCP की सांसद सुप्रिया सुले और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है.

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में आगामी बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं.इसी बीच शरद पवार की पार्टी एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात ने सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है.खास बात यह है कि यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब कांग्रेस ईवीएम को लेकर सवाल उठा रही है और विपक्षी एकता पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
सुप्रिया सुले ने ईवीएम को लेकर कांग्रेस के आरोपों से खुद को अलग कर लिया है.उन्होंने साफ कहा कि वे चार बार ईवीएम के जरिए चुनाव जीत चुकी हैं, इसलिए मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना सही नहीं है.उनका यह बयान विपक्षी दलों के साझा एजेंडे से अलग माना जा रहा है और इससे महाविकास अघाड़ी (MVA) की एकता पर सवाल उठने लगे हैं।
अमित शाह से मुलाकात
सुप्रिया सुले ने अपने सांसदों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.उन्होंने दावा किया कि यह बैठक पूरी तरह महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित थी.इस दौरान बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला भी उठाया गया और जल्द न्याय की मांग की गई.हालांकि, विपक्षी दल इस मुलाकात को केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेत के तौर पर देख रहे हैं।
बीएमसी समेत राज्य के 29 नगर निगमों के चुनावों की घोषणा के बाद शरद पवार की सक्रियता को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं.मुंबई से उनकी दूरी और गठबंधन को लेकर स्पष्ट रुख न होने पर सवाल उठ रहे हैं.शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी संकेत दिया है कि गठबंधन सहयोगियों को पवार की भूमिका पर स्पष्टता चाहिए।
एनसीपी की रणनीति पर सस्पेंस
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनसीपी (SP) अभी अपनी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप नहीं दे पाई है.यह भी साफ नहीं है कि पार्टी महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी या अलग राह चुनेगी.सुप्रिया सुले और अजित पवार के बीच बढ़ती बातचीत की खबरें भी सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
बीएमसी चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बेहद अहम माने जाते हैं.ऐसे में सुप्रिया सुले का ईवीएम पर अलग रुख और अमित शाह से मुलाकात, दोनों ही घटनाएं यह संकेत देती हैं कि आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।


