AI से सड़कों की सुरक्षा होगी स्मार्ट, इस राज्य में लागू होगा पहला प्रोजेक्ट
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बनेगा जहां सड़क दुर्घटनाओं की असली वजहों का पता लगाने और रोकथाम के लिए एआई और बिग डेटा का इस्तेमाल होगा. यह तकनीक शुरुआती तौर पर 17 शहरों में लागू होगी और भविष्य में ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर लाइसेंसिंग तक में इस्तेमाल की जाएगी.

उत्तर प्रदेश जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां सड़क दुर्घटनाओं के सही कारणों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिग डेटा एनालिटिक्स का प्रयोग किया जाएगा. राज्य परिवहन विभाग ने इस तकनीक पर आधारित एक पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से भी अनुमति मिल गई है. अब इसका परीक्षण शुरू किया जाएगा.
यूपी में बढ़ रही सड़क हादसों की संख्या
दरअसल, उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2024 के पहले छह महीनों में ही राज्य में 25,830 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 14,205 लोगों ने जान गंवाई. दुर्घटनाओं के पीछे खराब सड़क डिजाइन, मौसम की स्थितियां और चालक की लापरवाही जैसे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अब तक इनका गहन विश्लेषण नहीं हो पाया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गंभीर स्थिति पर कई बार चिंता जताई है. उनके निर्देश पर ही परिवहन विभाग ने एआई तकनीक के जरिये हादसों के कारणों की पड़ताल और रोकथाम की दिशा में यह योजना तैयार की. इस परियोजना को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ITI लिमिटेड और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी साझेदार एमलोजिका मिलकर लागू करेंगे. इस प्रयास के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है.
दुर्घटना का तकनीकी रूप से विश्लेषण
प्रारंभिक चरण में छह सप्ताह के भीतर एक 'प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट' तैयार किया जाएगा, जिसमें दुर्घटनाओं से संबंधित डाटा एकत्र कर विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. यह रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाएगी. रिपोर्ट में प्रत्येक दुर्घटना का तकनीकी रूप से विश्लेषण कर AI मॉडल तैयार किया जाएगा, जो भविष्य में ब्लैक स्पॉट की पहचान में मदद करेगा.
इस तकनीक का उपयोग भविष्य में ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली, परमिट प्रक्रिया, ई-चालान और वाहन डेटा प्रबंधन जैसे अन्य क्षेत्रों में भी किया जाएगा. पूर्व अपर आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी के अनुसार, अभी तक पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई मैनुअल रिपोर्ट पर ही निर्भर रहना पड़ता था, जिससे दुर्घटनाओं के असली कारण स्पष्ट नहीं हो पाते थे.
उत्तर प्रदेश के 17 शहरों में पहले से मौजूद इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) में इस तकनीक को एकीकृत किया जाएगा. परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि AI तकनीक से दुर्घटनाओं के असली कारणों की पहचान कर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा, जिससे सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा.


