दिल्ली विश्वविद्यालय का नया कोर्स: दिल टूटने और रिश्तों के खतरों से निपटना सीखेंगे छात्र
दिल्ली विश्वविद्यालय का नया पाठ्यक्रम छात्रों को मौजूदा डिजिटल युग, विशेषकर डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया के प्रभाव के बीच, दोस्ती और रोमांटिक रिश्तों की बदलती प्रकृति और जटिलताओं को समझने में मार्गदर्शन करेगा.

दिल्ली विश्वविद्यालय 2025-26 शैक्षणिक सत्र से स्नातक छात्रों के लिए एक नया वैकल्पिक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है, जिसका नाम है "नेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप." इस पाठ्यक्रम को युवाओं में बढ़ती भावनात्मक जटिलताओं, विषाक्त संबंधों और मानसिक अस्थिरता की चुनौतियों के मद्देनज़र तैयार किया गया है. डिजिटल युग में सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स की भूमिका को समझते हुए यह कोर्स छात्रों को भावनात्मक रूप से सक्षम और जागरूक बनाने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है.
युवाओं में स्वस्थ व सम्मानजनक संबंधों की होगी समझ
इस चार-क्रेडिट कोर्स को विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा डिज़ाइन किया गया है और यह सभी संकायों के छात्रों के लिए खुला रहेगा. इसमें छात्रों को घनिष्ठ रिश्तों में आने वाली जटिलताओं, चेतावनी संकेतों और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के कौशल सिखाए जाएंगे. इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में स्वस्थ और सम्मानजनक संबंधों की समझ विकसित करना है.
पाठ्यक्रम की रूपरेखा में चार प्रमुख इकाइयां शामिल हैं. पहली इकाई दोस्ती और अंतरंगता के मनोविज्ञान पर केंद्रित है, दूसरी प्रेम और कामुकता के सिद्धांतों पर, जिनमें स्टर्नबर्ग का त्रिकोणीय प्रेम सिद्धांत भी शामिल है. तीसरी इकाई रिश्तों में होने वाली समस्याओं जैसे ईर्ष्या, भावनात्मक नियंत्रण और हिंसा पर आधारित है, जबकि अंतिम इकाई टिकाऊ और संतुलित संबंध बनाने की रणनीतियों पर ध्यान देती है.
तीन व्याख्यान और एक ट्यूटोरियल सत्र
पाठ्यक्रम में साप्ताहिक तीन व्याख्यान और एक ट्यूटोरियल सत्र होगा, जिसमें फिल्म समीक्षाएं, बहस, सोशल मीडिया विश्लेषण जैसे इंटरैक्टिव अभ्यास होंगे. कबीर सिंह और टाइटैनिक जैसी फिल्मों के माध्यम से रिश्तों की गहराई को समझने का प्रयास किया जाएगा.
यह पहल छात्रों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता और आत्मनिरीक्षण के लिए प्रेरित करेगी. केवल 12वीं पास छात्र ही इस कोर्स में दाखिला ले सकेंगे. विश्वविद्यालय को आशा है कि यह कोर्स युवाओं को मानसिक रूप से अधिक सशक्त और जिम्मेदार बनाएगा.