घड़ियाली आंसू नहीं चाहिए... कर्नल पर विवादित बयान देने वाले मंत्री पर गिरी सुप्रीम कोर्ट की गाज, SIT करेगी जांच
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की कर्नल सोफिया पर दिए गए विवादित बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है.कोर्ट ने विजय शाह की माफी को "घड़ियाली आंसू" करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि अब केवल कानून के अनुसार कार्रवाई होगी.

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की कर्नल सोफिया पर दिए गए विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने मंत्री की माफ़ी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह घड़ियाली आंसू बहाने जैसा है. कोर्ट ने साफ किया कि अब माफ़ी नहीं, कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी.
शीर्ष अदालत ने विजय शाह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया है. यह SIT तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की होगी, जिसमें कम से कम एक महिला अधिकारी शामिल होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने पहले कार्रवाई क्यों नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट ने माफी खारिज
विजय शाह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील दी कि उनके मुवक्किल माफी मांग रहे हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आपकी माफी कहां है? यह घड़ियाली आंसू बहाने जैसा है. आपने बिना सोचे-समझे जो बोला, उसके बाद अब माफी मांग रहे हैं. हमें आपकी माफी नहीं चाहिए. अगर दोबारा माफी मांगी गई तो यह अदालत की अवमानना मानी जाएगी."
SIT करेगी जांच, 28 मई को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले की जांच अब एक विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जाएगी. हम संतुष्ट हैं कि एफआईआर की जांच SIT द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें एमपी कैडर के 3 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हों लेकिन वे मध्य प्रदेश से न जुड़े हों. तीन में से एक महिला अधिकारी होनी चाहिए.'
अदालत ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को आदेश दिया कि वे 10 बजे रात तक SIT का गठन करें. इस जांच टीम का नेतृत्व एक IGP स्तर के अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जबकि अन्य दो सदस्य SP या उससे ऊपर के रैंक के होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता यानी विजय शाह जांच में पूरा सहयोग करें.
सेना का अपमान, देश हुआ आहत
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं. आपको जिम्मेदारी समझनी चाहिए. यह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना बयान था. हमें अपनी आर्मी पर गर्व है और आपने ऐसे समय पर ऐसा बयान दिया जब देश की भावनाएं जुड़ी थीं. क्या आपने अपना वीडियो देखा है? कोर्ट ने आगे कहा, आपने पूरे देश को दुख पहुंचाया है. इतने बड़े लोकतंत्र में नेताओं से अच्छे आचरण की उम्मीद की जाती है. लेकिन आप क्या कर रहे हैं?
राज्य सरकार पर भी सवाल
सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से पूछा कि पहले क्या कार्रवाई की गई थी, तो कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही एफआईआर दर्ज की. इससे पहले आप क्या कर रहे थे? लोगों की नजर में राज्य सरकार को निष्पक्ष होना चाहिए. यह केवल एक एफआईआर नहीं, बल्कि जनता की भावनाओं से जुड़ा मामला है.'
कोर्ट ने कहा- जांच रिपोर्ट पेश करे SIT
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच की सीधी निगरानी नहीं करेगा, लेकिन विशेष तथ्यों को देखते हुए SIT को निर्देश दिया गया है कि वह स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से अपनी जांच का परिणाम अदालत को प्रस्तुत करे. इस मामले की अगली सुनवाई 28 मई 2025 को होगी.


