बीजेपी निशाने पर! तेजस्वी बोले- चुनिंदा सीटों से हटाए जा रहे मतदाताओं के नाम
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी बिहार में चुनिंदा सीटों पर वोटर लिस्ट से नाम हटवाकर चुनावी नतीजों को प्रभावित करना चाहती है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से हर बूथ पर सतर्क रहने और मतदाताओं को जागरूक करने की अपील की है.

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासत गरमा गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि पार्टी जानबूझकर उन सीटों पर मतदाताओं के नाम हटवाने की कोशिश कर रही है जहां पिछली बार हार-जीत का अंतर बहुत कम था.
तेजस्वी का बीजेपी पर वार
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यदि केवल 1% मतदाताओं के नाम हटते हैं तो करीब 7.90 लाख लोग सूची से बाहर हो सकते हैं, क्योंकि राज्य में कुल 7.90 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. उनका कहना है कि इस बार बीजेपी 4 से 5 प्रतिशत वोट कटवाने की योजना बना रही है. यदि इन वोटों को 243 विधानसभा सीटों पर समान रूप से बांटा जाए तो हर सीट से औसतन 3,251 मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं.
तेजस्वी ने विधानसभा चुनावों के पुराने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2015 में 15 और 2020 में 35 सीटों पर हार-जीत का अंतर 3,000 से कम था. वहीं, 5,000 से कम मतों से हारने वाली सीटें 2015 में 32 और 2020 में 52 थीं. उन्होंने कहा कि इतने मामूली अंतर वाली सीटों पर यदि वोट काटे जाते हैं तो चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं.
क्या विशेष समुदायों को टारगेट कर रही बीजेपी?
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विशेष समुदायों और क्षेत्रों को टारगेट कर रही है और चुनाव आयोग के माध्यम से इसे अंजाम देने की कोशिश हो रही है. तेजस्वी ने अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे हर बूथ पर सजग रहें और यह सुनिश्चित करें कि गरीबों और अनपढ़ नागरिकों के नाम वोटर लिस्ट से न हटें.
तेजस्वी ने बताया कि गठबंधन कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं और उन्हें आवश्यक फॉर्म भरने में मदद भी कर रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि लोकतंत्र को कमजोर करने की हर कोशिश का डटकर विरोध किया जाएगा.


