एक साल में ही क्यों कंगना संसद से हो गई बोर? मंडी की सांसद ने किया बड़ा खुलासा
कंगना रनौत सांसद के रूप में अपने पहले साल को याद की और कही, कि यह काम अप्रत्याशित रूप से काफी चुनौतीपूर्ण रहा. अपने कार्यकाल के दौरान उनकी सिर्फ एक ही फिल्म रिलीज हुई है.

Kangana Ranaut: अभिनेत्री से राजनेता बनीं कंगना रनौत के लिए संसद में पहला साल किसी चुनौती से कम नहीं रहा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंगना ने अपनी सांसद बनने के बाद की यात्रा को बताते हुए, सफर में आए सभी चुनौतीयों के बारे में बारे में काफी विस्तार से बात की और बताया कि कैसे यह एक साल का अनुभव उनके लिए आसान नहीं था, जैसा कि उन्होंने शुरुआत में उम्मीद की थी. कंगना का कहना है कि सांसद बनने के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि यह काम इतनी मेहनत वाला होगा, जबकि पहले उन्हें लगा था कि यह कार्य बहुत आसान होगा. उन्होंने अपनी भूमिका के बारे में कहा कि, यह काम बहुत अधिक मेहनत वाला है और इसके लिए मुझे अपेक्षा से कहीं ज्यादा समय और मेहनत लगानी पड़ी.
कंगना रनौत की सांसद बनने के बाद की यात्रा
कंगना ने सांसद बनने के बाद अपनी भूमिका को लेकर अपने विचार साझा किए. उनका कहना था कि शुरुआत में उन्हें यह महसूस हुआ था कि सांसद का काम उतना कठिन नहीं होगा और वह आसानी से इसे निभा पाएंगी. कंगना ने कहा, मुझे सच में बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि यह इतनी मेहनत वाली नौकरी होगी. जब मुझे यह काम दिया गया, तो मुझसे कहा गया कि शायद आपको 60-70 दिन संसद में उपस्थित रहना होगा, और बाकी समय आप अपना काम कर सकते हैं - जो मुझे सही लगा. लेकिन यह बहुत मेहनत वाला काम है." सांसद बनने के बाद मेरी सिर्फ एक ही फिल्म रिलीज़ हुई है, इमरजेंसी. यह फिल्म जुलाई 2024 से पहले शूट हो चुकी थी, और कंगना के अनुसार, वह जल्दी ही अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म में भी नजर आ सकती हैं.
कार्य क्षेत्र में समस्याओं का सामना
कंगना ने अपने कार्य क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश के मंडी के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि उनके कार्य क्षेत्र में आने वाली चुनौतियाँ काफी कठिन हैं. कंगना ने कहा, अक्सर लोग मेरे पास अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं, जिन पर मेरा नियंत्रण नहीं होता. लेकिन मैं उनसे यह कहे बिना नहीं रह पाती कि मैं उनका समाधान करूंगी. साथ ही उन्होंने कहा, हम राज्य और केंद्र सरकार के बीच की कड़ी हैं, केंद्र से राज्य तक परियोजनाएं लाने और केंद्र के साथ हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के मुद्दों और शिकायतों को उठाने में सहायक हैं. कंगना ने यह भी बताया कि उनकी सांसद की भूमिका में उन्हें कई बार यह महसूस हुआ कि उनके पास न तो कोई कैबिनेट है और न ही कोई नौकरशाही का समर्थन. उन्होंने कहा, "मेरे पास न तो कोई कैबिनेट है और न ही नौकरशाही है और मैं केवल डिप्टी कमिश्नरों के साथ स्थिति की समीक्षा कर सकती हूं और प्रतिक्रिया दे सकती हूं."
कंगना रनौत पर आलोचनाओं का सिलसिला
कंगना रनौत, जो पहले से ही अपने बयानों के लिए विवादों में रही हैं, अब एक नए विवाद का सामना कर रही हैं. हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कंगना अपनी सांसद की भूमिका से खुश नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. यह बयान कंगना द्वारा मंडी जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान दिए गए बयान के बाद आया. कंगना ने कहा था, "राहत और बहाली का काम राज्य सरकार को करना है, और एक सांसद के रूप में, मैं केवल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्थिति से अवगत करा सकती हूं और उदार सहायता की मांग कर सकती हूं." 30 जून से 1 जुलाई की रात को मंडी जिले के विभिन्न क्षेत्र में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं में 15 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य लोग लापता हो गए थे.


