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एक बार ससुर जी से पूछ लीजिए... लालू बनाम मांझी परिवार की जुबानी जंग हुई तेज़!

बिहार की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त तकरार मची हुई है. लालू यादव और जीतन राम मांझी के परिवार आमने-सामने हैं और अब ये लड़ाई बेटों से होती हुई बहुओं तक पहुंच गई है. सोशल मीडिया पर जुबानी तीर चल रहे हैं और दोनों तरफ से एक से बढ़कर एक तंज कसे जा रहे हैं. अब कौन किस पर भारी पड़ेगा और इस जुबानी जंग का क्या होगा अंजाम? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर...

Aprajita
Edited By: Aprajita

Bihar News: एक बार फिर बिहार की राजनीति में गर्मागर्मी देखने को मिल रही है. इस बार सीधा टकराव है दो बड़े राजनीतिक परिवारों के बीच – एक ओर हैं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू प्रसाद यादव का परिवार और दूसरी तरफ हैं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का परिवार. बयानबाज़ी का दौर अब इतना बढ़ गया है कि नेताओं के बेटे-बेटियों से लेकर बहुओं तक ने मोर्चा संभाल लिया है.

दीपा मांझी का सीधा हमला लालू की बहू पर

जुबानी जंग की शुरुआत तब और तीखी हो गई जब मांझी की बहू और विधायक दीपा मांझी ने RJD सुप्रीमो की बहू राजश्री यादव पर सोशल मीडिया पर तंज कसा. एक एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में राजश्री द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तस्वीर शेयर कर ‘सीमा पर भेजने’ जैसी टिप्पणी की गई, जिस पर दीपा मांझी ने करारा जवाब दिया – “नाम बदलने से सोच नहीं बदलती रिचेल भौजी... एक बार अपने ससुर जी से पूछ लीजिए, इन्हीं देशभक्तों ने उन्हें सालों तक जेल की सैर कराई है.”

तेजप्रताप पर भी कसा तंज

लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी इस जुबानी तकरार से नहीं बचे. जब तेजप्रताप ने अपना पायलट लाइसेंस पोस्ट करते हुए देश के लिए लड़ने की बात कही, तो दीपा मांझी ने तंज कसा – “तेजू भैया, हवाबाज़ी तो आप करते ही रहते हैं... वैसे भी आपके पास उड़ान रेडियो टेलीफोन प्रचालक का एक्सपायर्ड लाइसेंस है, न कि पायलट का.”

संतोष सुमन भी हमलावर

मांझी के बेटे और मंत्री रह चुके संतोष सुमन भी इस सियासी घमासान में लगातार तेजस्वी यादव पर हमला बोल रहे हैं. उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर कहा – “लालू परिवार बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक सामंत है. अब आरक्षण को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.”

मांझी के पुराने तीर भी फिर चले

जीतन राम मांझी ने भी कुछ दिन पहले दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की बरसी पर निशाना साधते हुए कहा – “जब उनका निधन हुआ, तब लालू यादव एंड कंपनी ने एक शब्द तक शोक नहीं जताया था. अब चुनाव आते ही घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.”

साथ ही उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला कि जब वह उपमुख्यमंत्री थे तब ताड़ी पर बैन लगवाकर हजारों ताड़ के पेड़ कटवा दिए, अब वही चुनाव के वक्त कहते हैं कि ताड़ी से बैन हटाएंगे. सवाल उठता है – जब हटाना ही था, तो लगाया क्यों?

बिहार की राजनीति में यह जुबानी जंग आने वाले चुनावों की गर्माहट का ट्रेलर भर है. लालू और मांझी परिवार के बीच जो तल्खी दिख रही है, वो आने वाले समय में और भी गहराने की संभावना है. दिलचस्प यह है कि जहां नेताओं के बेटे अपनी-अपनी राजनीति चमका रहे हैं, वहीं बहुएं भी पीछे नहीं हैं – और सोशल मीडिया को हथियार बना रही हैं. अब देखना यह होगा कि ये सियासी लड़ाई चुनावी नतीजों में क्या रंग दिखाती है.

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13 May 2025, 02:32 PM IST

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