दिल्ली में क्यों कम हो रही लड़कियों की संख्या?
दिल्ली की 2024 जन्म-मृत्यु रिपोर्ट में जन्म दर और सेक्स रेशियो में गिरावट दर्ज हुई, जबकि शिशु और मातृ मृत्यु दर में हल्का सुधार आया. मौतों का आंकड़ा बढ़कर 1.39 लाख तक पहुंच गया.

Number of girls decreasing in Delhi: दिल्ली सरकार की वार्षिक जन्म और मृत्यु रिपोर्ट 2024 जारी कर दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी में इस बार जन्म दर और सेक्स रेशियो में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि शिशु मृत्यु दर (IMR) और मातृ मृत्यु दर (MMR) में हल्का सुधार देखने को मिला है. चिंता की बात यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में मृत्यु दर में बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
लड़कियों का अनुपात घटा
रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में हर 1000 लड़कों पर केवल 920 लड़कियां पैदा हुईं, जबकि 2023 में यह संख्या 922 थी. कुल जन्मों की संख्या भी घटकर 3,06,459 रह गई, जो 2023 में 3,15,087 थी. रोजाना जन्म लेने वाले बच्चों का औसत 837 दर्ज हुआ, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 863 था. इसका मतलब है कि दिल्ली में जनसंख्या वृद्धि की गति कुछ धीमी हुई है.
संकेत और चिंता
शिशु व मातृ मृत्यु दर में मामूली कमी यह दर्शाती है कि प्रसव सेवाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल में सुधार हुआ है. हालांकि सेक्स रेशियो में गिरावट गंभीर सामाजिक चिंता का विषय है. लगातार पांच वर्षों में यह अनुपात 933 से घटकर 920 पर आ गया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि लिंग संतुलन बिगड़ना समाज पर दीर्घकालिक असर डाल सकता है.
गिरावट के संभावित कारण
आंकड़ों में गिरावट की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविड-19 के दौरान परिवारों ने स्वास्थ्य सेवाओं, खासकर अल्ट्रासाउंड जैसी जांचों से दूरी बनाई, जिससे जन्म दर के आंकड़े प्रभावित हुए. सवाल यह भी है कि जब 2012 से सुधार का रुझान दिख रहा था, तो पिछले कुछ वर्षों में अचानक कमी क्यों आई.
मौत का ग्राफ ऊंचा
रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में कुल 1,39,480 मौतें दर्ज हुईं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 1,32,391 था. यानी औसतन रोजाना 381 लोगों की जान गई. इनमें 61.22% पुरुष और 38.75% महिलाएं थीं, जबकि 38 मामलों में मृतक ट्रांसजेंडर श्रेणी से संबंधित पाए गए.
अस्पतालों और घरों में मौतें
कुल मौतों में से 65.16% अस्पतालों व संस्थानों में और 34.84% घरों में हुईं. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि सेप्टीसीमिया यानी गंभीर संक्रमण, अस्पताल में इलाज के दौरान मौत का बड़ा कारण रहा. शिशु मृत्यु के मामलों की संख्या 6,866 दर्ज हुई.
क्षेत्रवार आंकड़े
दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में सबसे अधिक 76.15% मौतें दर्ज की गईं. एनडीएमसी क्षेत्र में यह 22.55% और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र में 1.30% रही. ये आंकड़े दिखाते हैं कि दिल्ली को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अभी भी कई मोर्चों पर गंभीर चुनौतियां झेलनी पड़ रही हैं.


