भारत में आ गया है AI डॉक्टर, अब चुटकियों में पता लगाएगा Cancer; फिर ऐसे करेगा इलाज
ओरेकल के सीईओ लैरी एलिसन ने हाल ही में एक बेहद अहम और बड़ा दावा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से सिर्फ 48 घंटों में कैंसर का पता लगाया जा सकेगा.

ओरेकल के सीईओ लैरी एलिसन ने हाल ही में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बड़ा दावा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से कैंसर का निदान केवल 48 घंटों में किया जा सकता है और इसकी एक कस्टम कैंसर वैक्सीन भी बनाई जा सकती है. इसके साथ तैयार किया गया. उनका दावा कैंसर जैसी घातक और जटिल बीमारी से निपटने के लिए एक सराहनीय पहल हो सकता है.
लैरी एलिसन ने अपने बयान में कहा कि एआई की मदद से कैंसर का शुरुआती इलाज पहले की तुलना में तेजी से किया जा सकता है. उनका मानना है कि अगले कुछ वर्षों में एआई का उपयोग करके कैंसर का निदान केवल 48 घंटों के भीतर किया जा सकता है. फिर उस व्यक्ति के लिए एक कस्टम वैक्सीन बनाई जा सकती है, जिसे विशेष रूप से व्यक्ति के कैंसर के प्रकार और स्थान के अनुरूप बनाया जाएगा. एलिसन ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में मरीज के कैंसर की पहचान करने के लिए एआई का उपयोग किया जाएगा, फिर व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को समझकर एक टीका बनाया जाएगा जो कैंसर से लड़ने में मदद करेगा.
48 घंटे में कैंसर का पता लगाएगा AI
यह कैंसर के इलाज में क्रांति ला सकता है, क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक अनुकूलित उपचार होगा, जो अधिक प्रभावी साबित हो सकता है. हालांकि, एलिसन ने स्पष्ट किया कि यह तकनीक भविष्य में उपलब्ध हो सकती है, लेकिन इसके लिए वर्षों के शोध और तकनीकी विकास की आवश्यकता होगी. उन्हें उम्मीद है कि यह प्रक्रिया भविष्य में संभव हो सकेगी और इससे कैंसर के इलाज को नई दिशा मिल सकती है.
वैक्सीन भी बनेगी
लैरी एलिसन ने यह दावा तब किया है, जब रूस पहले ही घोषणा कर चुका है कि 2025 से कैंसर टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. रूस का यह कदम वैश्विक स्तर पर एक बड़ी घटना हो सकती है, क्योंकि अगर यह प्रक्रिया सफल रही तो रूस अपने नागरिकों को मुफ्त कैंसर टीकाकरण प्रदान करने वाला पहला देश होगा. टीकाकरण को रूस में राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा और इसका उद्देश्य कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने के लिए एक प्रभावी उपाय तैयार करना है.
खबर कर देगी हैरान!
दूसरी ओर, अमेरिका में भी कैंसर के इलाज के लिए कई शोध चल रहे हैं. उदाहरण के लिए, फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 2024 में 4 कैंसर रोगियों पर एक व्यक्तिगत कैंसर वैक्सीन का परीक्षण किया. उनके शोध के परिणाम सकारात्मक थे, और उन्होंने दावा किया कि टीकाकरण के केवल दो दिन बाद, रोगियों के शरीर में कैंसर से लड़ने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हुई थी. कैंसर के इलाज के लिए प्रभावी और किफायती टीका विकसित करने के लिए अमेरिका में ऐसे प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा प्रमुख कारण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा प्रमुख कारण है. हर साल लाखों लोग कैंसर से अपनी जान गंवाते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. WHO के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया में हर 6 में से 1 व्यक्ति की मौत कैंसर से होती है, जो इस बीमारी की गंभीरता को दर्शाता है. भारत में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 और 2023 के बीच कैंसर के 71 लाख से अधिक मामले सामने आए और अकेले 2023 में लगभग 1.5 लाख नए कैंसर रोगी पंजीकृत किए गए. कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या भी चिंताजनक है; पिछले पांच साल में ये संख्या बढ़कर करीब 40 लाख हो गई है. इनमें से सबसे ज्यादा 8.28 लाख मौतें 2023 में हुईं. भारत में यह संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है और इस तरह 2025 तक भारत में कैंसर रोगियों की संख्या 15 लाख को पार कर सकती है.


