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1 दिन की सैलरी 4.43 करोड़! मेटा ने किसे दिया AI की दुनिया का सबसे बड़ा ऑफर?

मेटा ने AI सुपरइंटेलिजेंस लैब के लिए एपल के पूर्व फाउंडेशन मॉडल हेड रुओमिंग पैंग को 1600 करोड़ रुपये के पैकेज पर हायर किया है. कंपनी AI में गूगल, ओपनएआई जैसी दिग्गजों को टक्कर देने के लिए ग्लोबल टैलेंट को आकर्षित कर रही है और अरबों का निवेश कर रही है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

AI की दौड़ में बढ़त हासिल करने के लिए Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग सुपरइंटेलिजेंस लैब पर बड़ा दांव खेल रहे हैं. कंपनी ने गूगल, Apple, OpenAI और DeepMind जैसी दिग्गज कंपनियों से टॉप AI टैलेंट को लुभाने के लिए 800 करोड़ से 1600 करोड़ रुपये तक के पैकेज की पेशकश की है.

Meta की सुपरइंटेलिजेंस लैब का उद्देश्य OpenAI, Google DeepMind और Anthropic जैसी कंपनियों को टक्कर देना है. कंपनी की प्राथमिकता अब पूरी तरह AI पर केंद्रित हो चुकी है. यही वजह है कि Meta दुनियाभर के बेहतरीन AI रिसर्चरों और इंजीनियरों को एक साथ जोड़ रही है.

जुकरबर्ग का मास्टरस्ट्रोक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Apple की फाउंडेशन मॉडल टीम के पूर्व हेड Ruoming Pang को Meta ने लगभग $200 मिलियन यानी 1600 करोड़ रुपये का पैकेज देकर अपनी टीम में शामिल किया है. इस पैकेज में बेस सैलरी, साइनिंग बोनस और स्टॉक शामिल हैं. इससे पहले OpenAI के Trapit Bansal को भी करीब 800 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था.

पूर्व Apple इंजीनियर को मिला 200 मिलियन डॉलर का ऑफर

Meta की सुपरइंटेलिजेंस टीम में AI की दुनिया के कई दिग्गज शामिल हो चुके हैं—जैसे Alexander Wang (पूर्व Scale AI CEO), Nat Friedman (पूर्व GitHub CEO), Daniel Gross (पूर्व Safe Superintelligence CEO), Huiwen Chang (GPT-4o सह-निर्माता), Joel Pobar (पूर्व Anthropic इंजीनियर), और कई पूर्व OpenAI, DeepMind और YouTube शॉर्ट्स से जुड़े विशेषज्ञ.

जुकरबर्ग ने टॉप टैलेंट को ऐसे किया हायर

Meta की यह रणनीति स्पष्ट संकेत देती है कि वह आने वाले वर्षों में एआई सुपरपावर बनने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. कंपनी के पास पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा GPU क्लस्टर है और 2025 तक इसका और विस्तार होगा. जुकरबर्ग का मानना है कि जनरल AI से आगे बढ़ते हुए अब सुपरइंटेलिजेंस का निर्माण ही अगली बड़ी छलांग है—और इसके लिए दुनियाभर के सबसे बेहतरीन दिमागों को साथ लाना जरूरी है. AI की इस नई लड़ाई में अब सिर्फ डेटा और चिप्स नहीं, बल्कि इंसानी प्रतिभा सबसे बड़ी संपत्ति बन चुकी है.

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15 July 2025, 02:20 PM IST

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