सोचिए और हो जाएगा! आ गया ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस का जादू
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक सोच के जरिए कंप्यूटर को नियंत्रित करने की क्रांतिकारी क्षमता देती है, जो खासकर विकलांगों के लिए वरदान साबित हो रही है. हालांकि यह तकनीक अभी विकासशील चरण में है, लेकिन भविष्य में यह हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी को पूरी तरह बदल सकती है.

Brain-Computer Interface: वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो आपके सोचने मात्र से ही कंप्यूटर को कमांड दे सकती है. इस तकनीक को ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कहते हैं. इसके तहत व्यक्ति कुछ बोले या कोई हरकत करे बिना ही सिर्फ सोच कर उपकरणों को नियंत्रित कर सकता है. यह तकनीक खासतौर पर उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो लकवाग्रस्त हैं या बोलने-सुनने में असमर्थ हैं. ये तकनीक अभी विकासशील चरण में है. लेकिन भविष्य में ये हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी को पूरी तरह बदल सकती है.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तकनीक को परखा
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक सोच के जरिए कंप्यूटर को नियंत्रित करने की क्रांतिकारी क्षमता देती है, जो खासकर विकलांगों के लिए वरदान साबित हो रही है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक प्रयोग में इस तकनीक को सफलतापूर्वक परखा. इसमें एक व्यक्ति के मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड्स लगाए गए, जो न्यूरॉन्स की गतिविधियों को रिकॉर्ड करते हैं. जब व्यक्ति कुछ सोचता है, तो दिमाग में विशेष तरह के इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स उत्पन्न होते हैं. BCI सिग्नल को कंप्यूटर को भेजता है. फिर एक क्रिया में बदल देता है. अगर कोई सोचता है टीवी ऑन करो तो कंप्यूटर उस कमांड को समझकर टीवी चालू कर देता है.
प्रक्रिया में EEG का होता है इस्तेमाल
इस प्रक्रिया में अक्सर EEG (इलेक्ट्रोएंसेफलोग्राफी) का इस्तेमाल होता है, जिसमें सिर पर एक खास तरह की टोपी पहनी जाती है जिसमें सेंसर्स लगे होते हैं. यह टोपी दिमाग से निकलने वाले सिग्नल्स को पढ़ती है और उन्हें डिजिटल कमांड में बदल देती है.
शुरुआती चरणों में तकनीक
हालांकि तकनीक अभी अपने शुरुआती चरणों में है और आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है. फिर भी यह तेज़ी से विकसित हो रही है. दुनिया की कई कंपनियां और रिसर्च लैब्स इस पर काम कर रही हैं. एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक विशेष रूप से इस क्षेत्र में अग्रणी मानी जा रही है. वे मस्तिष्क में छोटी चिप्स के ज़रिए सटीक कमांड देने की दिशा में काम कर रहे हैं.
तकनीक से भविष्य में क्या होगा?
भविष्य में इस तकनीक से बिना हाथ या आवाज़ का इस्तेमाल किए रोबोट, व्हीलचेयर या घरेलू उपकरण भी नियंत्रित कर सकेंगे.


