महिलाओं की सुरक्षा के लिए 'शक्ति बैंड', अब हमलावर को लगेगा करंट का झटका!
कानपुर के एक स्टार्टअप ने ऐसा स्मार्ट बैंड तैयार किया है जो मुसीबत में हमलावर को सीधे करंट का झटका देता है और साथ ही भेजता है लाइव लोकेशन! क्या है इसकी तकनीक, कीमत और खासियत? जानिए इस दमदार खोज के बारे में पूरी खबर!

Shakti Band: आजकल के दौर में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. ऐसे में कानपुर के प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (PSIT) के इनक्यूबेशन सेंटर से निकली एक नई खोज ने सबका ध्यान खींचा है. कानपुर के स्टार्टअप 'शक्ति वियरेबल' ने एक ऐसा यूनिक बैंड बनाया है जो भले ही स्मार्टवॉच जैसा दिखे, लेकिन असल में यह एक चलती-फिरती इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी डिवाइस की तरह काम करता है.
कैसे करता है काम ‘शक्ति बैंड’?
इस बैंड की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें 4000 वोल्ट तक का करंट पैदा हो सकता है, जो किसी भी हमलावर को तुरंत झटका देता है. हमलावर को 3-5 मिनट तक पहचानने की क्षमता रखने वाला यह बैंड बिल्कुल सुरक्षित है – यानी पहनने वाली को कोई नुकसान नहीं होता.
इसके अलावा इसमें GPS ट्रैकिंग की सुविधा है जो इमरजेंसी में फैमिली मेंबर्स और पुलिस को लाइव लोकेशन भेजता है. इस बैंड में लगा मोशन सेंसर पहनने वाली की हर हरकत और धड़कन को ट्रैक करता है, और किसी भी संदिग्ध टच को तुरंत पहचानकर अलर्ट मोड में आ जाता है.
तकनीक में दम – स्क्वायर वेव टेक्नोलॉजी
‘शक्ति बैंड’ को स्क्वायर वेव तकनीक से तैयार किया गया है. यह तकनीक न केवल सुरक्षित है, बल्कि इतनी संवेदनशील भी कि अनजान या गलत इरादे से कोई संपर्क करे तो तुरंत प्रतिक्रिया देती है.
कीमत और उपलब्धता
अगर आप सोच रहे हैं कि इतनी खास चीज महंगी होगी, तो ऐसा नहीं है. शक्ति बैंड की कीमत 3000 रुपये से शुरू होकर 5000 रुपये तक जाती है. यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है और अब तक 1400 से ज्यादा महिलाएं इसका इस्तेमाल कर रही हैं.
सिर्फ बैंड ही नहीं, रिंग और शूज़ में भी होगी सुरक्षा
PSIT के डॉ. मनमोहन शुक्ला ने बताया कि अब इस टेक्नोलॉजी को और आगे ले जाया जा रहा है. आने वाले समय में यह तकनीक अंगूठी, जूते, लकड़ी या धातु की छड़ियों में भी लगाई जा सकती है ताकि सुरक्षा हर रूप में मुमकिन हो.
स्टार्टअप को मिली सराहना और प्रोत्साहन
पिछले साल लखनऊ में स्टार्टअप मेले में इस बैंड की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी तारीफ की थी और इसे और बेहतर बनाने के सुझाव दिए थे. स्टार्टअप की प्रमुख डॉ. सृष्टि शर्मा ने कहा कि उनकी टीम इस प्रोजेक्ट को और भी मजबूत बना रही है, ताकि हर महिला खुद को सुरक्षित महसूस कर सके.
टेक्नोलॉजी अब महिलाओं के हाथ में
‘शक्ति बैंड’ सिर्फ एक गैजेट नहीं बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास का नया हथियार है. टेक्नोलॉजी अब केवल बड़ी मशीनों या कंप्यूटर तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब यह सीधे आम जिंदगी की जरूरतों को हल करने के लिए तैयार हो रही है – और यह बैंड उसी बदलाव की मिसाल है.