AI डीपफेक वीडियो का नया स्कैम, परिवारों से फिरौती मांगने की बढ़ी घटनाएं
अमेरिका की जांच एजेंसी FBI ने एक खतरनाक और डरावने नए स्कैम को लेकर अलर्ट जारी किया है. अब ठग लोग AI की मदद से आपके अपने बच्चे, माता-पिता या किसी करीबी का ऐसा फर्जी वीडियो बना रहे हैं जिसमें वो व्यक्ति बंधक बना हुआ, रोता-चिल्लाता या डरा-सहमा दिखाई देता है. फिर तुरंत फोन या मैसेज करके डराते हैं.

नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक का दुरुपयोग कर साइबर अपराधियों ने नया तरीका अपनाया है. अब हैकर्स एआई डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल करके लोगों को किडनैप दिखाकर उनके परिवारों से फिरौती मांग रहे हैं. अमेरिकी एजेंसी FBI ने इस नए स्कैम को लेकर लोगों को चेतावनी जारी की है और कहा है कि यह अत्यंत खतरनाक और भ्रामक तरीका है.
FBI के अनुसार, स्कैमर्स सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उपलब्ध फोटो और वीडियो का उपयोग कर ऐसे डीपफेक वीडियो बनाते हैं, जो असली दिखते हैं. इसके बाद वे इन वीडियो को परिवार के पास भेजकर पैसों की मांग करते हैं. कई लोग जल्दबाजी में इन वीडियो की सत्यता की जांच नहीं कर पाते और स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं.
स्कैम कैसे काम करता है?
FBI की चेतावनी में बताया गया है कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों और वीडियो को इकट्ठा करते हैं. जनरेटिव एआई टूल्स की मदद से यह वीडियो तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है. इस वीडियो को परिवार के पास भेजकर उन्हें डराया जाता है और फिरौती की मांग की जाती है.
स्कैमर्स समय सीमा वाले मैसेज का भी इस्तेमाल करते हैं. इससे परिवार वाले घबराकर तुरंत पैसे भेज देते हैं और वीडियो के असली या नकली होने की जांच नहीं कर पाते.
डराने के लिए अपनाई जाने वाली तरकीबें
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अपराधी पहले अपने टारगेट का अध्ययन करते हैं.
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इसके बाद AI टूल्स से डीपफेक वीडियो बनाकर किडनैपिंग के सबूत के रूप में परिवार को भेजा जाता है.
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वीडियो इतनी वास्तविक दिखती है कि असली या नकली पहचान पाना मुश्किल हो जाता है.
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टाइमर और दबाव वाले मैसेज का इस्तेमाल करके परिवारों को जल्द निर्णय लेने पर मजबूर किया जाता है.
ऐसे खतरों से कैसे बचें?
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सोशल मीडिया सावधानी: इंटरनेट पर अपनी फोटो और वीडियो सावधानी से शेयर करें.
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सत्यापन पहले: यदि कोई वीडियो या कॉल आती है, तो पहले वीडियो में दिखाए गए व्यक्ति या सीधे संपर्क से पुष्टि करें.
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घबराएं नहीं: स्कैमर्स की कॉल पर जल्दबाजी में पैसे ट्रांसफर न करें.
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कानूनी मदद लें: किसी भी संदेह के मामले में तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम एजेंसियों से संपर्क करें.


