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महाकुंभ में 'तेजस' तैनात, वायु सेना के HAL से प्रेरित पंडाल पर टिकी सबकी नजर

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 में प्रयागराज में 'तेजस पंडाल' ने भारतीय वायु सेना के तेजस विमान से प्रेरित होकर एक विशेष आकर्षण का रूप लिया है. महंत बृजभूषण दास जी महाराज के नेतृत्व में बनाए गए इस पंडाल का उद्देश्य भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और शक्ति को प्रदर्शित करना है. यह पंडाल न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आकर्षण है, बल्कि भारतीय संस्कृति और प्रगति की प्रतीक भी बन चुका है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में एक विशेष आकर्षण उभर कर सामने आया है, 'तेजस पंडाल'. यह पंडाल भारतीय वायु सेना के तेजस विमान से प्रेरित है और महाकुंभ में श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रहा है. इस पंडाल के निर्माण में महंत बृजभूषण दास जी महाराज का विशेष योगदान रहा है. उनका कहना है कि इस पंडाल का उद्देश्य भारत की शक्ति और प्रगति को दर्शाना है. इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग पहुंच रहे हैं, जहां वे न केवल यादें संजो रहे हैं, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव भी मना रहे हैं.

महाकुंभ में इस पंडाल को देखकर लोग जहां एक तरफ उत्साहित हैं, वहीं दूसरी तरफ यह भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और शक्ति का प्रतीक भी बन चुका है. इस पंडाल के जरिए भारत के विकास के संदेश को विश्वभर में फैलाने का प्रयास किया गया है. महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ था और यह 26 फरवरी (बुधवार) तक चलेगा. इस आयोजन का हर पहलू भारत की प्रगति, संस्कृति और सामर्थ्य को दर्शाता है, और 'तेजस पंडाल' इसका प्रमुख उदाहरण है.

आत्मनिर्भरता का प्रेरित

महंत बृजभूषण दास जी महाराज ने मीडिया से बातचीत में कहा, "तेजस विमान भारत के गौरव और ताकत का प्रतीक है, जो हमारे देश में ही बना है. यह हमारी बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रमाण है. हमने महाकुंभ में तेजस विमान का गेट एक शक्तिशाली संदेश देने के लिए तैयार किया है: भारत अब किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पर्याप्त मजबूत है." उन्होंने आगे कहा, "हम अब दूसरों पर निर्भर नहीं हैं, हम चांद, मंगल और उससे भी आगे पहुंच चुके हैं. हमारे सैनिकों को समर्पित यह तेजस विमान भारत की शक्ति और प्रगति का सबूत है. हम चाहते हैं कि दुनिया देखे कि हम कितनी दूर आ गए हैं और भारत इस दिशा में अग्रणी है."

युवाओं को प्रेरित करने का उद्देश्य

आचार्य विपिन उपाध्याय ने कहा, "श्री रामानंदाचार्य मठ शिविर में आचार्य के रूप में सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है. हमारे शिविर में तेजस विमान है, जो एक स्तंभ के आकार में बना ढांचा है, जो भारत के गौरव का प्रतीक है. इस डिजाइन के पीछे का लक्ष्य युवा पीढ़ी को प्रेरित करना है. महाकुंभ का उद्देश्य भारत के युवाओं को आगे बढ़ने, सार्थक काम में संलग्न होने और एक ऐसे भविष्य को आकार देने के लिए प्रोत्साहित करना है जिस पर हम सभी गर्व कर सकें."

भारत की शक्ति और संस्कृति की पहचान

'तेजस पंडाल' न केवल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि यह भारत की संस्कृति और विकास की कहानी भी कहता है. महाकुंभ में इस पंडाल का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि यह भारतीय वायु सेना की ताकत और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है. इससे पहले महाकुंभ के चौथे दिन 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई.

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17 January 2025, 09:16 AM IST

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