US एंबेसी से रिजेक्ट हो जाता महिला का वीजा, ब्लिंकिट ने फिर 15 मिनट में कर दिया ये चमत्कार
दिल्ली के अमेरिकी दूतावास के बाहर लंबी कतार में खड़ी एआई स्टार्टअप की संस्थापक अपने कुछ दस्तावेज भूल गई थी. इस दौरान क्विक कॉमर्स कंपनी ब्लिंकिट ने उनकी मदद की.

नई दिल्ली: भारत में क्विक कॉमर्स की तेज सर्विस अब हर मुश्किल घड़ी में साथ निभा रही है. हाल ही में दिल्ली के अमेरिकी दूतावास के बाहर एक ऐसी घटना हुई, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं. एक महिला उद्यमी को अपने वीजा इंटरव्यू के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज भूलने की वजह से परेशानी हो रही थी, लेकिन ब्लिंकइट की तुरंत डिलीवरी ने उनकी समस्या हल कर दी.
वीजा इंटरव्यू के दौरान अचानक संकट
दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर सुबह-सुबह लंबी कतारें आम बात हैं. एक महिला, जो एक एआई स्टार्टअप की संस्थापक हैं, अपने ओ-1 वीजा इंटरव्यू के लिए कतार में खड़ी थीं. उनका स्लॉट सुबह 8 बजे का था.
अचानक उन्हें याद आया कि कुछ जरूरी कागजात उनके पास नहीं हैं. इन दस्तावेजों की कमी से इंटरव्यू में दिक्कत आ सकती थी. कतार इतनी लंबी थी कि बाहर जाकर प्रिंट करवाने का समय नहीं था. वे काफी घबरा गईं.
सुरक्षा गार्ड का अनोखा सुझाव
घबराहट देखकर दूतावास के बाहर तैनात एक सुरक्षा गार्ड ने मदद की. उन्होंने साधारण तरीके से कहा, "मैडम, ब्लिंकइट कर लो." ब्लिंकइट भारत का लोकप्रिय इंस्टेंट डिलीवरी ऐप है, जो अब प्रिंटिंग सर्विस भी देता है. महिला ने तुरंत ऐप खोला और अपने दस्तावेज अपलोड कर दिए.
सिर्फ 15 मिनट में मिले प्रिंटआउट
आश्चर्य की बात यह है कि कतार में खड़े रहते हुए ही उनके दस्तावेज प्रिंट होकर 15 मिनट में पहुंच गए. इससे उनकी घबराहट दूर हुई और इंटरव्यू बिना किसी रुकावट के पूरा हो गया. बाद में उनका वीजा मंजूर हो गया और पासपोर्ट पर मुहर लग गई.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी
इस अनुभव को महिला ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जो तेजी से वायरल हो गया. लोगों ने भारत की क्विक कॉमर्स सर्विस की तारीफ की. कई यूजर्स ने कहा कि ऐसी तेज और सस्ती डिलीवरी दुनिया में कहीं और मुश्किल से मिलती है. एक यूजर ने लिखा कि यह सर्विस सचमुच जीवनरक्षक साबित होती है. दूसरे ने कहा कि विदेशों में भी ऐसी सुविधा की कल्पना करना मुश्किल है.
I was standing in the queue for my O-1 visa interview at the Delhi US Embassy when I realized I might be missing a couple of documents that Google says are kind of important for O-1 approval.
— Gauri Gupta (@gauri__gupta) December 25, 2025
The queue was already insanely long even for an 8AM slot, and there was no time to run… pic.twitter.com/ivf3SHNHnc
भारत की क्विक कॉमर्स की ताकत
यह घटना दिखाती है कि भारत का त्वरित व्यापार मॉडल कितना उपयोगी है. ब्लिंकइट जैसी कंपनियां किराने से लेकर दस्तावेज प्रिंटिंग तक सब कुछ मिनटों में पहुंचाती हैं. शहरों में घनी आबादी और छोटे वेयरहाउस की वजह से यह संभव हो पाता है. ऐसे में आपात स्थिति में ये सर्विसें बड़ा सहारा बनती हैं.


