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‘चापलूसी’ या फिर...? विदेशी क्लाइंट के स्वागत में ऑफिस कर्मचारियों का डांस हुआ वायरल, वीडियो पर भड़के लोग

एक वायरल वीडियो में ऑफिस के भारतीय स्टाफ को विदेशी क्लाइंट के स्वागत में डांस करते देखा गया, जिस पर सोशल मीडिया पर जमकर बहस छिड़ गई. कुछ ने इसे टीम स्पिरिट बताया, तो कई यूजर्स ने इसे गुलामी मानसिकता और शर्मनाक दिखावा कहा.

कॉर्पोरेट ऑफिस में विदेशी क्लाइंट के स्वागत के लिए कर्मचारियों द्वारा किए गए डांस परफॉर्मेंस का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में भारतीय ऑफिस स्टाफ को ‘किल्ली किल्ली’ जैसे तेलुगू गाने पर सामूहिक रूप से डांस करते देखा जा सकता है. इसके बाद एक कर्मचारी ‘मैं तेरा बॉयफ्रेंड’ गाने पर सोलो डांस करता है और फिर विदेशी क्लाइंट भी मुस्कुराते हुए इस डांस में शामिल हो जाता है.

हालांकि, ये पूरा नजारा सोशल मीडिया यूजर्स के बीच तीखी बहस का कारण बन गया है. कई लोगों ने इसे टीम स्पिरिट का अच्छा उदाहरण बताया है, तो वहीं अधिकतर यूजर्स ने इसे बेहद शर्मनाक और घटिया बताया है.

'ऑफिस की चापलूसी बंद करो..'

इस वीडियो को ‘Woke Eminent’ नाम के X (ट्विटर) अकाउंट से शेयर किया गया, जिसमें लिखा था:- भारत को कॉर्पोरेट ऑफिस की चापलूसी बंद करनी चाहिए. ये कितना शर्मनाक है कि भारतीय लड़कियां ऑफिस में डांस कर रही हैं और बेचारा क्लाइंट भी मजबूर होकर नाच रहा है. ऐसी हरकतें दूसरे देशों को ये संकेत देती हैं कि भारतीय ऑफिस काम के लिए गंभीर नहीं होते.

यूजर्स ने दी तीखी प्रतिक्रिया

पोस्ट पर एक यूजर ने कहा कि ये शर्मनाक है. डांस भी अच्छा नहीं और इसका असर और भी खराब दिखता है. दूसरे ने लिखा- गुलामी मानसिकता है ये – विदेशी हो, राजनेता हो या बिजनेस टायकून… सबके आगे नाचने की आदत है. एक और टिप्पणी थी- बॉस के सामने नौकरों की तरह बर्ताव. ये सिर्फ सस्ता और वल्गर दिखावा है.

एक यूजर ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं ऐसे कॉरपोरेट इवेंट्स का हिस्सा रहा हूं जिन्हें 'ऑल-हैंड्स' और 'सेलिब्रेशन' कहा जाता है, लेकिन ये सब असल में टैलेंट और लोगों की बेइज्जती जैसा लगता है. ये दिखावा है, सेल्फ-रेस्पेक्ट नहीं.

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

इस वीडियो के बहाने कुछ लोगों ने भारतीय वर्कप्लेस कल्चर की गहराई से आलोचना शुरू की. एक यूजर ने कहा कि पहला कदम है ऑफिस में लोगों को 'सर' और 'मैडम' कहना बंद करना. नेटिव इंग्लिश स्पीकर्स वर्कप्लेस में ऐसा नहीं करते. हमें ‘धन्यवाद कि आपने हमें काम दिया, अब हम आपके गुलाम हैं’ वाली मानसिकता छोड़नी चाहिए. हालांकि, सभी प्रतिक्रियाएं निगेटिव नहीं थीं. एक यूजर ने लिखा- ऐसा हर देश में होता है. रोल्स उल्टे भी होते हैं. ये यादगार अनुभव देने, टीम बॉन्डिंग और टैलेंट दिखाने का तरीका है. एक और ने जोड़ा- मकसद शायद यही था कि क्लाइंट हंसते हुए, खुश होकर और यादगार अनुभव लेकर जाए.

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22 July 2025, 06:41 PM IST

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