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भारत की इस रहस्यमयी गुफा में आज भी आते हैं इच्छाधारी नाग-नागिन! जानिए कहां है ये स्थान

Icchadhari Naag Nagin: भारत में इच्छाधारी नाग-नागिन की कहानियां सदियों से लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा रही हैं. लेकिन क्या ये केवल कल्पना हैं या कहीं न कहीं इनकी सच्चाई भी छिपी है? छत्तीसगढ़ की एक रहस्यमयी गुफा से जुड़ी लोककथाएं इस रहस्य को और गहरा बना देती हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Icchadhari Naag Nagin: भारत की भूमि रहस्यों, मान्यताओं और प्राचीन कथाओं से भरी पड़ी है. यहां की लोककथाओं में इच्छाधारी नाग-नागिन का जिक्र हमेशा रोमांच और रहस्य का विषय रहा है. आपने फिल्मों में जरूर देखा होगा कि नाग और नागिन इंसानों का रूप धारण कर लेते हैं, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा संभव है?

यह सवाल आज भी लोगों के मन में कौंधता है कि क्या इच्छाधारी नाग-नागिन हकीकत में मौजूद थे या यह सिर्फ कहानियों का हिस्सा हैं? ऐसे में छत्तीसगढ़ की एक रहस्यमयी गुफा चर्चा में रहती है, जिसे लोग इच्छाधारी नाग-नागिन का निवास स्थान मानते हैं. आइए जानते हैं इस नाग गुफा से जुड़ा पूरा रहस्य

छत्तीसगढ़ की नाग गुफा

छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले में स्थित एक गुफा को स्थानीय लोग 'नाग गुफा' के नाम से जानते हैं. यह गुफा जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर चिरमिरी के पास घने जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और चट्टानों के बीच स्थित है.

स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह स्थान कभी इच्छाधारी नाग-नागिन का घर था. उनके अनुसार, इन नागों की खासियत यह थी कि ये रात के अंधेरे में इंसानी रूप धारण कर लेते थे और मनुष्यों जैसी गतिविधियां करते थे.

पीढ़ियों से सुनाई जाती है यह रहस्यमयी कथा

ग्रामीणों के मुताबिक, उनके पूर्वजों ने भी इस गुफा को इच्छाधारी नाग-नागिन का निवास स्थान माना है. कहा जाता है कि कई बार लोगों ने नाग-नागिन को इंसानी रूप में देखा था. यह कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है और अब भी कई लोग दावा करते हैं कि इच्छाधारी नाग-नागिन उनके सपनों में आते हैं.

धार्मिक मान्यताओं में नाग-नागिन का स्थान

हिंदू धर्म में नाग और नागिन को अत्यंत पवित्र माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी नाग की हत्या की जाए, तो नागिन उसका बदला जरूर लेती है. इसी तरह, नाग अपनी नागिन की मृत्यु का भी प्रतिशोध लेता है. यह विश्वास भारतीय लोककथाओं और पुराणों में भी स्थान रखता है.

विज्ञान और तर्कशास्त्र की नजर में

जहां एक ओर स्थानीय लोगों की आस्था और अनुभव इस गुफा को रहस्यमयी बनाते हैं, वहीं विज्ञान इस धारणा को पूरी तरह नकारता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि कोई भी जीव प्राकृतिक रूप से ही जन्म लेता है और अपनी जैविक संरचना को नहीं बदल सकता.

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अनुसार, इच्छाधारी नाग-नागिन की अवधारणा पूरी तरह भ्रम और अंधविश्वास पर आधारित है. समिति का कहना है, "यदि कोई भी प्राणी प्राकृतिक रूप से पैदा होता है, उनके पूर्वज होते हैं और माता-पिता के कारण यह पैदा होते हैं, तब कोई भी जीव या प्राणी अपने स्वरूप को नहीं बदल सकता है."

रहस्य, आस्था या अंधविश्वास?

छत्तीसगढ़ की नाग गुफा आज भी रहस्य और श्रद्धा का केंद्र बनी हुई है. कुछ लोग इसे मात्र मिथक मानते हैं, तो कुछ के लिए यह आस्था और परंपरा का प्रतीक है. विज्ञान भले ही इसे नकारता हो, लेकिन लोकमानस में इच्छाधारी नाग-नागिन की गाथा आज भी जीवित है.

Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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12 May 2025, 03:31 PM IST

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