भारत का झंडा 'तिरंगा'... पाकिस्तान वाले अपने झंडे को क्या कहते हैं?
भारत-पाक तनाव के बीच पाकिस्तान के झंडे परचम-ए-सितारा-ओ-हिलाल की चर्चा तेज हो गई है, जो उसकी इस्लामी पहचान और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक माना जाता है.

भारत-पाकिस्तान के बीच अब तनाव अपने चरम स्थिति पर पहुंच गया है. सीमा पर दो दिनों से चल रहे संघर्ष और पाकिस्तानी प्रतिक्रियाओं ने पूरी दुनिया का ध्यान इन दोनों देशों की ओर खींचा है. इसी बीच लोग इन देशों की पहचान, उनके राष्ट्रीय प्रतीकों और इतिहास के बारे में इंटरनेट पर खोज रहे हैं. भारत में राष्ट्रीय ध्वज को 'तिरंगा' कहा जाता है, जो गर्व और एकता का प्रतीक है. उसी तरह, पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे का भी एक विशेष नाम और इतिहास है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं.
क्या है पाकिस्तान के झंडे का असली नाम?
पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज को उसके नागरिक 'परचम-ए-सितारा-ओ-हिलाल' (Parcham-e-Sitara-o-Hilal) के नाम से जानते हैं. ये नाम पाकिस्तान के राष्ट्रगान में भी शामिल है और वहां की जनता के लिए ये महज एक झंडा नहीं, बल्कि भावनात्मक और धार्मिक प्रतीक है.
झंडे का डिज़ाइन और उसके रंगों का महत्व
पाकिस्तानी ध्वज का डिजाइन गहरे हरे रंग की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसमें एक सफेद अर्धचंद्र और 5 कोनों वाला एक तारा है. इसके बाई ओर एक सफेद पट्टी भी दी गई है.
हरा रंग: मुस्लिम बहुल आबादी का प्रतिनिधित्व करता है.
सफेद पट्टी: देश में मौजूद धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए समर्पित है.
अर्धचंद्र: प्रगति का प्रतीक माना जाता है.
पांच-कोणीय तारा: प्रकाश और ज्ञान को दर्शाता है.
कब और किसने बनाया था पाकिस्तान का झंडा?
ये ध्वज 11 अगस्त 1947 को पाकिस्तान की संविधान सभा द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया था, ठीक आज़ादी से एक दिन पहले. इसे डिजाइन किया था सैयद आमिर-उद्दीन किदवई ने, जो उस समय के प्रमुख मुस्लिम लीग नेताओं में से एक थे.
क्यों महत्वपूर्ण है परचम-ए-सितारा-ओ-हिलाल?
'परचम-ए-सितारा-ओ-हिलाल' सिर्फ एक झंडा नहीं, बल्कि पाकिस्तान की इस्लामी विचारधारा और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक माना जाता है. ये मुस्लिम बहुल देश की आत्मा और उसकी पहचान को दर्शाता है. इसके साथ ही उसमें मौजूद धार्मिक विविधता को भी सम्मान देता है.
जहां भारत में 'तिरंगा' धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता का प्रतीक है, वहीं पाकिस्तान का 'परचम-ए-सितारा-ओ-हिलाल' इस्लामी सिद्धांतों और राष्ट्रीय एकता की भावना से जुड़ा है. दोनों झंडे अपने-अपने देशों की राजनीतिक और सांस्कृतिक सोच को दर्शाते हैं.