साधु का वेश या शैतान का रूप.... महाकुंभ में वकील पर कोड़े बरसा रहे ये बाबा, वीडियो हुआ वायरल- Video
महाकुंभ में साधु के वेश में एक बाबा का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वो एक वकील को कोड़े मारते नजर आ रहा है. सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को लेकर तीखे रिएक्शन दे रहे हैं. सवाल उठ रहा है कि यह बाबा वाकई साधु है या नकली वेश में कोई और? महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन में ऐसी घटनाएं चौंकाने वाली हैं. पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें हमारी खास रिपोर्ट.

Viral Video: महाकुंभ का धार्मिक और पवित्र आयोजन इन दिनों चर्चा में है. लाखों श्रद्धालु यहां अपनी आस्था के साथ आते हैं, लेकिन साधु-संतों के बीच हो रहे विवाद और घटनाएं सुर्खियां बटोर रही हैं. पहले कांटेवाले बाबा और फूल बेचती मोनालिशा ने चर्चा पाई और अब एक नए वीडियो ने सबका ध्यान खींचा है.
वायरल वीडियो ने मचाया बवाल
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में एक बाबा को वकील पर कोड़े बरसाते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो का कैप्शन है- 'जो मार रहा है वह साधु है और जो मार खा रहा है वह वकील है.' यह वीडियो महाकुंभ में साधुओं के बीच घट रही असामान्य घटनाओं को उजागर करता है.
जो मार रहा है वह साधू है जो मार खा रहा है वह वकील है।
महाकुंभ में यही सब हो रहा है pic.twitter.com/UiqHYxbthR
— Kavish Aziz (@azizkavish) January 23, 2025
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
आसिफ खान (@ImAsifchauhan)लिखते है: 'इन पर कोई कानून लागू नहीं होता. BJP के लिए कट्टर हिंदू वोट बैंक ज्यादा जरूरी है.' कुमार भूषण (@KumarSBhushanK1): 'महाकुंभ में नकली साधुओं की खोज जारी है. पकड़े जाने पर कुटाई निश्चित है.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'यह साधु नहीं, शैतान है. बेचारे वकील को अकारण पीटा जा रहा है.'
महाकुंभ का पवित्र आयोजन सवालों के घेरे में
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में साधु-संतों को शांति और साधना का प्रतीक माना जाता है. लेकिन इस तरह की घटनाएं आयोजन की गरिमा पर सवाल उठाती हैं. जहां कुछ लोग इस घटना को मजाक के तौर पर ले रहे हैं, वहीं कुछ इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
क्या नकली साधुओं की हो रही है तलाश?
कुछ लोगों का मानना है कि महाकुंभ में नकली साधुओं की मौजूदगी इन घटनाओं का कारण है. नकली वेश धारण कर आए लोगों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या बाबा वाकई में साधु हैं या किसी और मंशा से यहां आए हैं?
आखिर कब बदलेगी सोच?
इस वायरल वीडियो ने यह भी दिखाया कि घटना के वक्त कोई मदद करने नहीं आया. वीडियो बनाने वालों को मदद से ज्यादा मनोरंजन में दिलचस्पी थी. यह सोच समाज की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े करती है. महाकुंभ, जो शांति और आस्था का प्रतीक माना जाता है, इस तरह की घटनाओं से विवादों में घिरता जा रहा है. यह समय है, जब धर्म और आस्था के ऐसे आयोजनों को इन विवादों से बचाया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो.


