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साधारण रैपिडो राइड जो बन गई यादगार पल, बच्चे की मासूमियत ने जीता दिल...देखें Video

एक महिला ने इंस्टाग्राम पर अपनी साधारण रैपिडो यात्रा का अनुभव साझा किया, जो एक भावुक पल में बदल गया. यात्रा के दौरान महिला राइडर के छोटे बेटे ने पीछे बैठी महिला का हाथ पूरी राह पकड़े रखा, मानो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली हो. बच्चे की मासूम चिंता और संवेदनशीलता ने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत लिया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

कभी-कभी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल किसी बड़ी योजना से नहीं, बल्कि बिल्कुल साधारण घटनाओं से जन्म लेते हैं. ऐसा ही एक भावुक और मुस्कान बिखेर देने वाला अनुभव हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसने हजारों लोगों का दिल छू लिया. यह कहानी एक महिला की है, जिसने एक सामान्य रैपिडो यात्रा को अपने दिन का सबसे खास अनुभव बताया.

इंस्टाग्राम पोस्ट ने सबका ध्यान खींचा

इस अनुभव को रेशमा नाम की एक यूजर ने इंस्टाग्राम पर साझा किया. उन्होंने अपनी रैपिडो राइड का एक छोटा सा वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि इस यात्रा ने उनका दिन बना दिया. पोस्ट के साथ एक दिल वाला इमोजी भी था, जो उनके भावनात्मक अनुभव को और गहराई देता है. रेशमा ने बताया कि उन्होंने पिंक रैपिडो बुक की थी, जो महिलाओं की सुरक्षित यात्रा के उद्देश्य से शुरू की गई एक खास सेवा है.

मां और बच्चे के साथ सफर का अनुभव
यात्रा के दौरान रेशमा ने महसूस किया कि रैपिडो चला रही महिला, जिसे उन्होंने स्नेह से “अक्का” कहा, अपने छोटे बेटे के साथ सफर कर रही थीं. यह यात्रा लगभग पांच किलोमीटर लंबी थी, लेकिन इसकी दूरी से ज्यादा इसमें छिपी भावना खास थी. आगे बैठा छोटा बच्चा पूरी यात्रा के दौरान रेशमा का हाथ कसकर पकड़े रहा.

बच्चे की मासूम चिंता ने छू लिया दिल
रेशमा के अनुसार, बच्चे का हाथ पकड़ना किसी शरारत या डर की वजह से नहीं था, बल्कि उसमें एक अनोखी जिम्मेदारी और चिंता झलक रही थी. वह मानो यह सुनिश्चित करना चाहता हो कि पीछे बैठी आंटी सुरक्षित रहें और कहीं गिर न जाएं. बच्चे की पकड़ इतनी मजबूत और भरोसेमंद थी कि रेशमा ने उसे हटाने के बजाय उसे उसी तरह हाथ पकड़ने दिया.

एक पल जिसने दिन को खास बना दिया
रेशमा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि बच्चे की यह मासूम लेकिन सुरक्षात्मक भावना उनके दिल को छू गई. उन्होंने बताया कि वह छोटा सा पल उनके लिए पूरे दिन की सबसे बड़ी खुशी बन गया. वीडियो में साफ दिखता है कि मां का हाथ बच्चे की छोटी उंगलियों से जुड़ा हुआ है और बाइक आगे बढ़ रही है. यह दृश्य सादगी और भावनाओं का सुंदर संगम बन गया.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रियता हासिल की. कमेंट सेक्शन में लोगों ने बच्चे की समझदारी और संवेदनशीलता की जमकर तारीफ की. कई यूजर्स ने इसे मां की अच्छी परवरिश का परिणाम बताया, जबकि कुछ ने कहा कि इस वीडियो ने उनका भी दिन खुशनुमा बना दिया.

मासूमियत और दयालुता की याद दिलाती कहानी
यह घटना लोगों को यह याद दिलाती है कि दया, सहानुभूति और जिम्मेदारी जैसे गुण उम्र के मोहताज नहीं होते. कई बार बच्चे बिना किसी सिखावन के ही ऐसे मूल्य दिखा देते हैं, जो बड़ों के लिए भी प्रेरणा बन जाते हैं. यह रैपिडो यात्रा केवल एक सफर नहीं थी, बल्कि इंसानियत, सुरक्षा और मासूम भावनाओं की एक छोटी लेकिन गहरी कहानी थी. ऐसे पल यह एहसास कराते हैं कि रोजमर्रा की जिंदगी में भी खुशियों के अनमोल क्षण छिपे होते हैं, बस उन्हें महसूस करने की जरूरत होती है.

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