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पॉकेट मनी के बदले अपने बच्चों को सैलरी देता है ये करोड़पति, लोग कर रहें तारीफ

अमेरिकी करोड़पति ने अपने बच्चों को पॉकेट मनी की जगह सैलरी देना शुरू कर दिया है. वह अपने बच्चों को कुछ काम करने पर पैसे देता था. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से बच्चों को पैसे कमाने की आदत पड़ जाती है.

JBT Desk
Edited By: JBT Desk

हर माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं. उसके बाद माता-पिता अमीर हैं या नहीं. जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उन्हें संस्कार और पैसे की कीमत सिखाई जाती है. उन्हें सिखाया जाता है कि पैसे कैसे बचाएं. क्योंकि अगर वह पैसे बचा रहा है तो उसे भविष्य में आपकी जरूरत पड़ेगी. यदि बच्चों को छोटी उम्र से ही पैसे का बुद्धिमानी से उपयोग करना सिखाया जाए, तो इससे उनके जीवन के विकास में बहुत बड़ा अंतर आता है और पैसे की अहमियत को समझता है. ऐसा ही सोचकर एक अमेरिकी करोड़पति ने अपने बच्चों को पॉकेट मनी की जगह सैलरी देना शुरू कर दिया है. वह अपने बच्चों को कुछ काम करने पर पैसे देता था. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से बच्चों को पैसे कमाने की आदत पड़ जाती है. उनकी ये तकनीक खूब वायरल हो रही है. और लोग तारीफ भी कर रहे हैं.

पॉकेट मनी की जगह सैलरी देना शुरू

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बड़ी कंपनी लेक के सीईओ डेविड सिस्कोरेली ने कहा, 'मैंने अपने बच्चों को बताया कि उन्हें पैसे की कीमत कैसे सिखानी है.' डेविड महज 30 साल की उम्र में करोड़पति बन गए. उनके चार बच्चे हैं, जिनकी उम्र 12 से 20 साल के बीच है. डेविड ने कहा, मैंने पहले ही तय कर लिया था कि मैं अपने बच्चों को आराम की जिंदगी नहीं दूंगा. उनसे खुद पैसे कमाने के लिए कोई काम करने को कहें. ताकि वे पैसे की महत्ता को समझ सकें. उन्होंने कहा, मैंने कभी भी अपने बच्चों को अपनी कमाई नहीं दी. उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि मैं अपने बच्चों को पॉकेट मनी कभी नहीं दूंगा, बल्कि जब वे कोई काम करेंगे तो उन्हें पॉकेट मनी के बजाय उस काम के बदले वेतन दिया जाएगा.

लेक के सीईओ ने कहा, मैं अपने बच्चों को पॉकेट मनी देना पसंद नहीं करता. इससे बच्चे परिवार के लिए काम करना सीखते हैं. मैं उनकी भोजन, कपड़े जैसी बुनियादी जरूरतों पर खर्च करता हूं. लेकिन उन्हें फैशनेबल जूतों की एक जोड़ी भी न दें. मैं उन्हें हर महीने वेतन के रूप में पैसे देता हूं. मैं उन्हें उनकी उम्र और उनके द्वारा किए गए काम के अनुसार मुआवजे के रूप में पैसे देता हूं. मैं भी हर हफ्ते सिर्फ 1 डॉलर यानी 85 रुपए देता हूं. साथ ही मैं उन्हें ये भी समझाता हूं कि अगर हमारे पास एक डॉलर भी नहीं बचेगा तो हम क्या कर सकते हैं. उनके साथ उनकी पत्नी स्टेफनी ने भी कहा कि हमारा यह आइडिया बच्चों के विकास में मददगार साबित हो रहा है.

हम बच्चों को पैसा निवेश करना और पैसा कमाना भी सिखाते

डेविड ने कहा कि मैंने अपने बच्चों के लिए भी बैंक खाते खुलवाए हैं और इसी खाते में बच्चे कमाए हुए पैसे रखते हैं. आवश्यकतानुसार खर्च करने के लिए बच्चे भी अपने डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं. उसे अपने द्वारा कमाए गए धन के अलावा कुछ भी नहीं मिलता है. ऐसा करके हमारे चारों बच्चों ने भी पैसा कमाना और निवेश करना सीख लिया है.' इसके साथ ही हमारे बच्चों ने टेस्ला और डिज्नी जैसी कंपनियों में भी निवेश किया है.' डेविड ने आगे कहा कि जब भी बच्चे कुछ कमाते हैं तो मैं उन्हें गिफ्ट देता हूं. अगर बच्चे कभी पैसे मांगते हैं तो मैं उन्हें काम करने के लिए कहता हूं. उन्हें पैसा तभी मिलेगा जब वे कुछ काम करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि एक बार मेरे घर का दरवाजा आवाज कर रहा था. तब मेरी बेटी ने कहा कि अगर मैं यह दरवाजा ठीक कर दूं तो मुझे इसके बदले मुआवजा मिलेगा? फिर मैंने कहा, उस काम के लिए उसे सिर्फ एक डॉलर मिलेगा. बच्चों को पॉकेट मनी के बदले पैसे देने का डेविड का आइडिया लोगों को पसंद आया और लोगों ने उनके इस आइडिया की तारीफ भी की.

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30 May 2024, 05:19 PM IST

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