Russia-Ukraine War: हम हर चीज के लिए तैयार हैं हम सभी..., 'वर्षगांठ पर जेलेंस्की का राष्ट्र के नाम संदेश'

यूक्रेन पर रूस के हमले को आज एक साल पूरे हो गए है। आज ही के दिन 24 फरवरी, 2022 पुतिन की सेना ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमलों शुरू किए थे और तभी से इस युद्ध का आगाज हो गया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने दो लाख सैनिकों को यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए भेजा था। तब उम्मीद लगाई जा रही थी कि कुछ ही दिनों में पुतिन की सेना कीव पर कब्जा कर लेगी और यूक्रेन ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा। लेकिन युद्ध में इसके ठीक उलट हुआ और रूस की सेना को कई बार पीछे हटना पड़ा।

Lalit Hudda
Lalit Hudda

यूक्रेन पर रूस के हमले को आज एक साल पूरे हो गए है। आज ही के दिन 24 फरवरी, 2022 पुतिन की सेना ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमलों शुरू किए थे और तभी से इस युद्ध का आगाज हो गया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने दो लाख सैनिकों को यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए भेजा था। तब उम्मीद लगाई जा रही थी कि कुछ ही दिनों में पुतिन की सेना कीव पर कब्जा कर लेगी और यूक्रेन ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा। लेकिन युद्ध में इसके ठीक उलट हुआ और रूस की सेना को कई बार पीछे हटना पड़ा।

शुक्रवार को रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे होने के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम संदेश जारी किया और हर परिस्थिति से निपटने के तैयार रहने की बात दोहराई है। जेलेंस्की ने कहा कि 'हम सभी को हरा देंगे।' राष्ट्र को संबोधित अपने संबोधन में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि एक साल पहले आज ही के दिन, इसी जगह से सुबह करीब सात बजे, मैंने आपको एक संक्षिप्त बयान के साथ संबोधित किया था। जेलेंस्की ने कहा कि "हम मजबूत हैं, हम किसी भी चीज के लिए तैयार हैं, हम सभी को हरा देंगे।"

24 फरवरी देश के इतिहास में सबसे कठिन दिन

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने संबोधन में कहा कि '24 फरवरी का दिन' देश के इतिहास में सबसे कठिन दिन रहा है। जेलेंस्की ने कहा कि यह दिन हमारे जीवन का सबसे लंबा दिन था। उन्होंने 24 फरवरी 2022, को अपने इतिहास का सबसे कठिन दिन बताया। ज़ेलेंस्की ने कहा कि उस दिन हम जल्दी उठे और तब से नहीं सोए है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक रूस के 1.80 लाख और यूक्रेन के करीब 1 लाख सैनिक या तो मारे गए होंगे या फिर घायल हुए होंगे। वहीं यूक्रेन ने 23 फरवरी, 2023 तक रूस के 1,45,850 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। हालांकि, यूक्रेन ने कभी भी अपने सैनिकों के मरने का आंकड़ा साझा नहीं किया है।

युद्ध की शुरूआत में जानकारो का मानना था कि यूक्रेन ज्यादा दिनों तक रूस की सेना के सामने नहीं ठिक पाएगा और कुछ ही दिनों में अपनी हार मान लेगा। अमेरिका, ब्रिटेन और पश्चिमी देशों से मिल रही मदद की वजह से यूक्रेन आज भी रूस जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है और अभी तक जंग के मैदान में डटा हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा होने के बावजूद भी मुद्दे का समाधान होता नहीं दिख रहा है। रूस यूक्रेन युद्ध का प्रभाव दुनिया भर के देशों पर पड़ रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद तीन हिस्सों में बटी दुनिया

रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा होने के बाद भी यह जंग रूकने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच दुनिया के तमाम देश गुट में बंट गए है। पहला गुट पश्चिम देशों का है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन समेत यूरोपीय देश शामिल है। यह देश यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ खड़े है और यूक्रेन की हरसंभव मदद कर रहे है। वहीं दूसरे गुट की बात करें तो यह गुट रूस के साथ खड़ा है। इसमें बेलारूस, सीरिया, दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल है। इसके अलावा कई देश ऐसे भी है, जिन्होंने खुलकर रूस के हमले की आलोचना नहीं की है, लेकिन शांति और संप्रभुता की बात जरूर की है। इन देशों में भारत, चीन और तुर्की के अलवा कई देश शामिल है।

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24 February 2023, 04:55 PM IST

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