CBI की FIR पर ED ने अनिल अंबानी के खिलाफ उठाया बड़ा कदम, जब्त की ₹7500 करोड़ की 43 संपत्तियां...आलीशान बंगला भी जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत अनिल अंबानी और रिलायंस समूह की कंपनियों की ₹7,500 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं. इसमें नवी मुंबई की धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी, दिल्ली का रिलायंस सेंटर, नोएडा, गाजियाबाद, हैदराबाद और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh
Rajneesh Sharma
Reported By Rajneesh Sharma

मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी, उनकी कंपनियों और संबंधित संस्थाओं की ₹7,500 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं. 31 अक्टूबर को ED ने चार अंतरिम आदेश जारी कर 43 संपत्तियों को जब्त किया. इनमें मुंबई के पाली हिल स्थित पारिवारिक बंगले सहित कंपनियों की अन्य आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं.

नवी मुंबई और दिल्ली की प्रमुख संपत्तियों पर कार्रवाई

ED ने नवी मुंबई में धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी का 132 एकड़ से अधिक भूखंड जब्त किया, जिसकी कीमत ₹4,462 करोड़ से अधिक आंकी गई. इसके अलावा दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर रिलायंस सेंटर, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की अन्य संपत्तियां, और आधार प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी, मोहनबीर हाई-टेक बिल्ड, गमेसा इन्वेस्टमेंट, विहान43 रियल्टी, कैंपियन प्रॉपर्टीज जैसी कंपनियों की संपत्तियां भी जब्त की गईं.

नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई और अन्य शहरों में संपत्तियां शामिल
जब्त संपत्तियों में नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले की संपत्तियां शामिल हैं. मुंबई के चर्चगेट स्थित 'नागिन महल' में कार्यालय, नोएडा में BHA मिलेनियम अपार्टमेंट, हैदराबाद में कैमस कैप्री अपार्टमेंट के फ्लैट भी ED की कार्रवाई के तहत आए.

कर्ज के दुरुपयोग का मामला
ED की जांच में सामने आया कि रिलायंस समूह की कंपनियों ने एक बैंक से लिए गए कर्ज का उपयोग अन्य संस्थाओं के पुराने कर्ज चुकाने, संबंधित पक्षों को धन हस्तांतरित करने और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किया. विशेष रूप से RCOM और समूह की कंपनियों ने ₹13,600 करोड़ डायवर्ट किया, ₹12,600 करोड़ संबंधित पक्षों को स्थानांतरित किया और ₹1,800 करोड़ एफडी और म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया, जिसमें से कुछ धन विदेश भेजा गया.

CBI की प्राथमिकी पर आधारित जांच
ED की यह कार्रवाई CBI की प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी. सीबीआई ने आरकाम, अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 406 और 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1989 की धारा 13(2) व 13(1)(डी) के तहत मामला दर्ज किया.

RCOM और समूह की कंपनियों का कर्ज संकट
जांच में पता चला कि 2010-2012 के दौरान RCOM और समूह की कंपनियों ने घरेलू और विदेशी बैंकों से कुल ₹40,185 करोड़ का कर्ज लिया, जिसमें से पांच बैंकों ने इन खातों को फर्जीवाड़ा घोषित किया. यह कार्रवाई रिलायंस समूह की वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है और आने वाले समय में और संपत्तियों की जब्ती की संभावना जताई जा रही है.

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03 November 2025, 10:11 PM IST

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