AI के जरिए घर-घर पहुंचेगा न्याय...300 जजों और सैकड़ों पुलिस अधिकारियों ने शुरू की मुहिम
लखनऊ में गरीब और वंचितों तक न्याय पहुंचाने के लिए ‘न्याय मार्ग’ नामक देश का पहला AI आधारित कानूनी चैटबॉट लॉन्च किया गया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस विक्रम नाथ ने इसका शुभारंभ किया.

लखनऊ : गरीब और वंचित वर्ग तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लखनऊ में रविवार को एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की गई. इस कार्यक्रम में देशभर से आए लगभग 300 न्यायिक अधिकारी, सैकड़ों पुलिस अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी और अन्य हितधारक शामिल हुए. यह अभियान न्याय सबके लिए की भावना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
न्याय मार्ग AI चैटबॉट का शुभारंभ
कानूनी सहायता अब मोबाइल पर
अब उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अपने एंड्रॉइड फोन से ही कानूनी जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकेगा. यह चैटबॉट नागरिकों को NALSA (नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी) और UPSLSA की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के आधार पर सही जानकारी उपलब्ध कराएगा. इस ऐप में लगभग 1500 सामान्य कानूनी प्रश्नों के उत्तर शामिल किए गए हैं, जिनका उद्देश्य आम जनता को बुनियादी कानूनी सहायता तुरंत उपलब्ध कराना है.
AI तकनीक से न्याय की राह आसान
कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश और देश के भावी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से न्याय तक पहुंच और भी तेज़ और सुलभ होगी. उन्होंने बताया कि इस पहल से देश के आखिरी व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने का सपना साकार करने में मदद मिलेगी.
उत्तर प्रदेश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस विक्रम नाथ ने उत्तर प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि यूपी की न्याय प्रणाली देश में सबसे सशक्त और प्रभावी मानी जाती है. उन्होंने विश्वास जताया कि वंचित और गरीबों तक न्याय पहुंचाने की यह मुहिम आगे भी निरंतर जारी रहेगी.
क्षेत्रीय भाषाओं में विस्तार
UPSLSA की अध्यक्ष डॉ. मनु कालिया ने जानकारी दी कि भविष्य में ‘न्याय मार्ग’ ऐप को उत्तर प्रदेश की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं जैसे अवधी, भोजपुरी और बुंदेलखंडी में भी उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि राज्य के हर कोने में बैठे व्यक्ति को अपनी भाषा में कानूनी जानकारी मिल सके.
कार्यक्रम में न्यायपालिका और प्रशासन की भागीदारी
इस महत्वपूर्ण अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरुण भंसाली, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी.के. उपाध्याय, और यूपी SALSA के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता सहित देशभर के कई वरिष्ठ न्यायाधीश उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कुल 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें किशोर पुलिस इकाई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, परिवीक्षा अधिकारी और विभिन्न विभागों के हितधारक शामिल थे.
‘न्याय मार्ग’ ऐप की शुरुआत न केवल तकनीकी दृष्टि से एक बड़ा कदम है, बल्कि यह सुलभ न्याय व्यवस्था की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है. यह पहल बताती है कि डिजिटल इंडिया और न्यायपालिका का मेल अब देश के हर नागरिक के जीवन को सीधे प्रभावित करने लगा है.


