कोरोना की वापसी? JN.1 वैरिएंट से बढ़े मामले, जानिए कितना खतरनाक है नया स्ट्रेन
भारत में कोरोना संक्रमण के मामले कम जरूर हैं, लेकिन नया सुपर-स्प्रेडर वैरिएंट JN.1 धीरे-धीरे संक्रमण फैला रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है, हालांकि ज्यादातर केस हल्के और अस्पतालों में भर्ती की दर स्थिर बनी हुई है.

Covid-19: भारत में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले भले ही कम हैं, लेकिन महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. 19 मई तक देश में 257 सक्रिय केस दर्ज किए गए हैं, जो इस बात की चेतावनी है कि कोविड-19 का खतरा अभी भी पूरी तरह टला नहीं है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अब एक नया सुपर-स्प्रेडर वैरिएंट JN.1 धीरे-धीरे संक्रमण को बढ़ा रहा है, जिसे विशेषज्ञ बेहद संक्रामक मान रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, क्योंकि JN.1 वैरिएंट की वजह से देश के कुछ हिस्सों में मामूली संक्रमण दर्ज किया जा रहा है. हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक अधिकतर केस हल्के लक्षण वाले हैं और अस्पतालों में भर्ती होने की दर स्थिर बनी हुई है.
संक्रमण के ताजा आंकड़े
12 से 19 मई के बीच भारत में कुल 164 नए कोविड-19 केस सामने आए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 95 मामले केरल में, 66 तमिलनाडु में और 56 महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं.
क्या है JN.1 वैरिएंट?
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन की BA.2.86 लाइनज का उपप्रकार है, जो दुनिया भर में बेहद तेजी से फैल रहा है. इसके स्पाइक प्रोटीन में L455S नामक म्यूटेशन पाया गया है, जो इसे मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने की क्षमता को बढ़ाता है. ये XBB.1.5 की तुलना में 1.5 गुना ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है.
LF.7 और NB.1.8 भी आए सामने
भारत में हालिया मामलों में JN.1 के अलावा दो और नए वैरिएंट LF.7 और NB.1.8 की मौजूदगी भी पाई गई है, जो एशिया के कुछ देशों में पहले ही संक्रमण की लहर ला चुके हैं. हालांकि इनसे गंभीर बीमारी की आशंका नहीं है, लेकिन ये वैरिएंट पहले से मौजूद इम्यूनिटी को बायपास करने में सक्षम हैं.
घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सतर्कता जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में फिलहाल घबराने जैसी कोई स्थिति नहीं है. अस्पतालों में भर्ती या गंभीर मामलों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई है. हालहीं में मुंबई में हुई कुछ मौतें भी कोविड की वजह से नहीं बल्कि पहले से मौजूद गंभीर बीमारियों के चलते हुई थीं.
सिंगापुर और हांगकांग जैसे पड़ोसी देशों में कोविड मामलों में तेज बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके चलते भारत में निगरानी तेज कर दी गई है. स्वास्थ्य एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है, ताकि समय रहते संक्रमण को काबू में किया जा सके.
सरकार की नई गाइडलाइन क्या कहती है?
सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए नई सलाह जारी की है:-
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वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज समय पर लें
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भीड़भाड़ या बंद जगहों में मास्क पहनें
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हाथों की स्वच्छता का पालन करें
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लक्षण दिखने पर आइसोलेट हों और टेस्ट कराएं
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बुजुर्गों और इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज़्ड लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है
JN.1 का इलाज क्या है?
JN.1 के लिए फिलहाल कोई अलग दवा नहीं है. इलाज वही पुराने एंटीवायरल्स- Paxlovid, Remdesivir और Molnupiravir पर आधारित है. अपडेटेड mRNA वैक्सीन्स (बाइवैलेंट और मोनोवैलेंट) गंभीर बीमारी से बचाने में अभी भी प्रभावी हैं, भले ही संक्रमण को पूरी तरह रोक ना पाएं.


