अमेरिकी कोर्ट का फैसला बना ग्लोबल भूचाल, सोने की कीमतों में उछाल से मचा हड़कंप
अमेरिका की एक अदालत के फैसले ने वैश्विक बाजारों में भूचाल ला दिया है। कोर्ट ने राष्ट्रपति को टैरिफ जारी रखने की अनुमति दी है। इसका सीधा असर गोल्ड पर पड़ा है, जिसकी कीमतों में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला।

Business News: अमेरिका की अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में राष्ट्रपति को टैरिफ जारी रखने की पूरी छूट दे दी है। इस फैसले ने जहां अमेरिकी प्रशासन को व्यापारिक रणनीति में मजबूती दी, वहीं दुनियाभर के निवेशकों को चिंता की लकीरों से भर दिया। नतीजा ये हुआ कि सोना एक बार फिर सुरक्षित निवेश के तौर पर चमक उठा। बाजार खुलते ही सोने की कीमतों में ज़बरदस्त उछाल आया और कई देशों में यह मनोवैज्ञानिक स्तर पार कर गया। फैसले का असर बाजारों पर भी साफ दिखा। निवेशकों ने जोखिम भरे स्टॉक्स को बेचकर सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख किया। सोना इसका सबसे बड़ा लाभार्थी रहा। एशिया, यूरोप और अमेरिका के प्रमुख इंडेक्स लुढ़के, जबकि गोल्ड तेजी से ऊपर चढ़ा। आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, आगे हालात और बिगड़ सकते हैं।
बातचीत के बीच बढ़ा अविश्वास, अमेरिका-चीन में फिर तनाव
जहां एक ओर USA और चीन के बीच व्यापार वार्ता की उम्मीदें जगी थीं, वहीं कोर्ट का यह फैसला एक सख्त संदेश बन गया। इससे यह संकेत गया कि अमेरिका किसी भी समझौते के दबाव में नहीं है। नतीजा यह हुआ कि चीन की ओर से भी तल्खी देखने को मिली और दोनों देशों के बीच बनी उम्मीद की डोर फिर से कमजोर होती दिख रही है।
गोल्ड बना निवेशकों की ढाल, मांग में उछाल
इतिहास गवाह है कि जब भी दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, सोने की चमक तेज होती है। यही इस बार भी हुआ। सेंट्रल बैंकों से लेकर आम निवेशक तक सभी ने सोने की खरीद शुरू कर दी है। इससे न सिर्फ सोने बल्कि चांदी की कीमतें भी बढ़ीं। वहीं अमेरिकी बॉन्ड यील्ड गिरी, जो डर और अस्थिरता का संकेत है।
ग्लोबल करेंसीज़ पर दबाव, क्रूड में भी गिरावट
डॉलर के मज़बूत होते ही भारत, चीन और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की करेंसीज़ दबाव में आ गईं। वहीं कच्चे तेल की कीमतों में भी हल्की गिरावट देखी गई क्योंकि वैश्विक मांग पर अब सवाल उठने लगे हैं। जानकारों का कहना है कि अगर यह तनाव यूं ही बढ़ता रहा, तो अगला झटका मिडल ईस्ट की अर्थव्यवस्थाओं को भी लग सकता है।
आने वाला क्वार्टर रहेगा बवंडर भरा, सतर्क रहें निवेशक
अब जब गोल्ड आसमान छू रहा है और वार्ताएं असफल होती दिख रही हैं, तो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को अपने अनुमान बदलने पड़ सकते हैं। विशेषज्ञों की राय है कि निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहना चाहिए और रिस्क को मैनेज करने पर फोकस करना चाहिए। बाजारों में आने वाले हफ्तों में और उथल-पुथल तय मानी जा रही है।