Gold-Silver Price: सोने-चांदी की कीमतों ने तोड़ा रिकॉर्ड, करवाचौथ से पहले रेट में भारी उछाल
Gold-Silver Price: करवाचौथ से ठीक दो दिन पहले सोने और चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है. बुधवार को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 122089 रुपए और चांदी की कीमत प्रति किलो 152700 रुपए तक पहुंच गई, जो पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ चुकी हैं.

Gold-Silver Price: करवाचौथ से ठीक दो दिन पहले सोने और चांदी के भावों ने नया उच्च स्तर छू लिया है. बुधवार को सोने की कीमतें लगातार बढ़ती रही और 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव बढ़कर 122089 रुपए तक पहुंच गया. वहीं चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं और प्रति किलो 152700 रुपए को पार कर गई हैं.
पिछले 24 घंटों में ही सोने की कीमतों में 2109 रुपए और चांदी की कीमतों में 3262 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई. निवेशक और खरीदार इस तेजी से हैरान हैं, खासकर त्योहारी सीजन और करवाचौथ के चलते लोगों में ज्वेलरी खरीदने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए.
सोने-चांदी में लगातार बढ़ रही तेजी
सोने-चांदी की कीमतों में यह उछाल अक्टूबर महीने में अब तक जारी है. अक्टूबर की शुरुआत से ही सोना लगभग 6000 रुपए महंगा हो चुका है, जबकि चांदी की कीमत प्रति किलो 8000 रुपए तक बढ़ गई है. इस साल अब तक सोना लगभग 46059 रुपए और चांदी 64766 रुपए तक महंगी हो चुकी है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तेजी के पीछे कई कारण हैं, जैसे सुरक्षित निवेश की बढ़ती प्रवृत्ति, मुद्रास्फीति से बचाव की चाहत, केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और इलेक्ट्रॉनिक्स-सौर पैनल उद्योगों में चांदी की बढ़ती मांग.
त्योहार और मांग का सीधा असर
करवाचौथ और अन्य त्योहारों से पहले महिलाएं सोना-चांदी खरीदने के लिए उत्साहित रहती हैं. लेकिन इस बार सोने का भाव इतना ऊंचा हो चुका है कि खरीदारों को झटका लग रहा है. आज के भावों के हिसाब से यदि आप गुरुवार को ज्वेलरी खरीदने जाएंगे, तो 10 ग्राम सोना GST सहित 125452 रुपए और प्रति किलो चांदी 155306 रुपए में मिलेगा.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी सोने की ओर निवेशकों की रुचि बढ़ा दी है. त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू मांग में बढ़ोतरी ने भी सोने-चांदी के भावों को मजबूती दी है.
उच्च कीमतों का कारण और भविष्य का रुख
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने और चांदी की कीमतों में यह तेजी लंबे समय तक बनी रह सकती है. सुरक्षित निवेश की बढ़ती प्रवृत्ति, मुद्रास्फीति और अंतरराष्ट्रीय बाजार की परिस्थितियां इस तेजी का मुख्य कारण हैं. ऐसे में निवेशकों और खरीदारों को भावों पर नजर रखनी होगी और सही समय पर खरीदारी करना फायदेमंद होगा.


