बुर्ज खलीफा से भी महंगे घर, लग्जरी गाड़ियां... फिर भी मानसून में क्यों बेबस हो जाता है गुरुग्राम?
गुरुग्राम में भारी बारिश ने शहर के कमजोर ड्रेनेज सिस्टम और बुनियादी ढांचे की खामियों को उजागर किया, जिससे लोग और महंगी गाड़ियां जलभराव और ट्रैफिक जाम में फंस गए.

Gurugram news: देश के सबसे विकसित और महंगे शहरों में से एक गुरुग्राम बारिश के सामने बार-बार असहाय साबित हो रहा है. करोड़ों की प्रॉपर्टी और चमचमाती लग्जरी कारें भी यहां की सड़कों पर पानी में फंस जाती हैं. सोमवार को हुई भारी बारिश ने एक बार फिर शहर का बुनियादी ढांचा कमजोर होने का दर्द उजागर कर दिया. लोगों को 5-10 किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग गए, जबकि सड़कें जलमग्न होकर ट्रैफिक जाम का कारण बन गईं.
शहर की ऊंची इमारतों और चमक-दमक के पीछे छुपी कड़वी हकीकत सामने आई है. जहां गुरुग्राम के गोल्फ कोर्स रोड, डीएलएफ फेज़-1, 5 और सुशांत लोक जैसे इलाके करोड़ों की संपत्ति से सजे हैं, वहीं यही शहर बारिश में अपना कमजोर ड्रेनेज सिस्टम दिखा रहा है.
बारिश में बेहाल हुआ गुरुग्राम
सोमवार को शहर में 100 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई. न्यू गुरुग्राम, ओल्ड सिटी, हाइवे और अंडरपास सहित कई इलाकों में पानी 3 फीट तक भर गया. सड़कें जलमग्न हो गईं और लोग घंटों तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे. कई गाड़ियां बीच सड़क खराब हो गईं. प्रशासन ने हालात को देखते हुए स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों को ऑनलाइन मोड में काम करने का आदेश दिया.
लग्जरी शहर की असली तस्वीर
गुरुग्राम में अरबों-खरबों की प्रॉपर्टी, हाई-राइज बिल्डिंग्स, शानदार मॉल और स्टार्टअप्स के आलीशान दफ्तर हैं. लेकिन बारिश आते ही शहर का ये चकाचौंध फीका पड़ जाता है. करोड़ों की संपत्ति वाले लोग भी ट्रैफिक जाम और जलभराव के बीच फंस जाते हैं. शहर के पुराने गांवों की जमीन पर बने गुरुग्राम में ड्रेनेज सिस्टम या तो कमजोर है या पूरी तरह फेल हो चुका है. तेजी से बढ़ता अनियोजित शहरीकरण, हाई-राइज बिल्डिंग्स और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स ने प्राकृतिक जल निकासी के रास्तों को बंद कर दिया है. खुले मैदान और हरियाली की कमी ने बारिश का पानी सोखने की जगह ही समाप्त कर दी है.
ट्रैफिक जाम और नागरिकों की परेशानी
बारिश के दिनों में गुरुग्राम में 5-10 किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं. हीरो होंडा चौक, नरसिंहपुर, शंकर चौक और राजीव चौक जैसे मुख्य चौराहे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. लोग अपनी महंगी कारों को सड़क पर छोड़कर पैदल चलने को मजबूर हो जाते हैं.
गुरुग्राम की समस्या केवल वादों से हल नहीं होगी. प्रशासन और शहर प्राधिकरण को मिलकर आधुनिक और मजबूत ड्रेनेज सिस्टम बनाना होगा. सड़कों को चौड़ा करना और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर भी विशेष ध्यान देना होगा. जब तक बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं होगा, शहर की चमक-दमक बारिश में बेबस ही नजर आएगी.


