ट्रंप-मोदी की दोस्ती मचाएगी धमाल! व्हाइट हाउस बोला- जल्द होगी भारत-अमेरिका ट्रेड डील
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौता अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत रिश्तों के चलते यह डील जल्द ही घोषित की जा सकती है. अमेरिका ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपना रणनीतिक साझेदार बताया है.

US-India trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत संबंधों को एक बार फिर व्हाइट हाउस ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अंतिम चरण में है और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा की जा सकती है. उन्होंने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी बताया और कहा कि ट्रंप और मोदी के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं.
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका दौरे पर हैं और क्वाड (QUAD) देशों की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. इस बीच यह भी पुष्टि हो चुकी है कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर अगले क्वाड सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आएंगे.
#WATCH | "Yes, the President said that last week (that the US and India are very close to a trade deal), and it remains true. I just spoke to our Secretary of Commerce about it. He was in the Oval Office with the President. They are finalising these agreements, and you'll hear… pic.twitter.com/l9pzzjGhM5
— ANI (@ANI) June 30, 2025
व्हाइट हाउस ने दिया डील का हिंट
व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने कहा, "हां, राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था कि अमेरिका और भारत व्यापार समझौते के बहुत करीब हैं, और यह अब भी सच है. मैंने इस विषय पर हमारे वाणिज्य सचिव से बात की, जो राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में थे. वे इन समझौतों को अंतिम रूप दे रहे हैं और जल्द ही राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम की ओर से भारत को लेकर औपचारिक घोषणा की जाएगी."
भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार बताते हुए उन्होंने दोहराया कि ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के साथ बेहद अच्छे रिश्ते साझा करते हैं और यह रिश्ता भविष्य में भी कायम रहेगा.
क्वाड बैठक में भारत-अमेरिका साझेदारी पर होगा फोकस
व्हाइट हाउस के इस बयान के साथ-साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका में क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) की मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल हो रहे हैं. इस बैठक का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थायित्व और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है. गौरतलब है कि क्वाड की शुरुआत 2004 की हिंद महासागर सुनामी के बाद एक समन्वित मानवीय प्रयास के तौर पर हुई थी.
ट्रंप ने स्वीकार किया क्वाड समिट का निमंत्रण
18 जून को यह पुष्टि हुई कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेजे गए निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने वीडियो संदेश में कहा, "क्वाड की अगली बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया था. इसे स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह भारत आने को लेकर उत्साहित हैं."
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता
26 जून को भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं का एक नया दौर शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य एक प्रारंभिक समझौता (Early Harvest Deal) को अंतिम रूप देना है. यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका 9 जुलाई से 57 देशों पर, जिनमें भारत भी शामिल है, देश-विशिष्ट शुल्क लगाने की योजना बना रहा है.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विशेष सचिव वाणिज्य राजेश अग्रवाल कर रहे हैं. यह दो दिवसीय वार्ता पिछले सप्ताह वॉशिंगटन में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य मौजूदा व्यापार विवादों का समाधान और एक अंतरिम समझौते की दिशा में कदम बढ़ाना है. यह समझौता सितंबर या अक्टूबर 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले चरण की नींव रख सकता है.
$500 अरब का लक्ष्य, FTA की तैयारी
प्रारंभिक समझौते के बाद दोनों देश एक पूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए वार्ता शुरू करेंगे, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 अरब तक पहुंचाना है. भारत चाहता है कि अमेरिका वर्तमान और प्रस्तावित सभी प्रतिशोधात्मक शुल्क को वापस ले, जिसमें 26% शुल्क शामिल है (10% अप्रैल 5 से लागू और अतिरिक्त 16% जुलाई 9 से प्रस्तावित).
स्टील, एल्युमिनियम पर शुल्क हटाने की मांग
भारत ने अमेरिका से वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में चुनौती दिए जा रहे "सेफगार्ड ड्यूटीज" को हटाने की भी मांग की है. इनमें स्टील और एल्युमिनियम पर 50% और ऑटोमोबाइल्स और ऑटो पार्ट्स पर 25% ड्यूटी शामिल है. इसके बदले भारत उम्मीद कर रहा है कि अमेरिका अपने मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) शुल्कों में उचित कटौती करेगा.
सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक समझौते के अधिकतर हिस्सों पर बातचीत पूरी हो चुकी है और अब अंतिम निर्णय राजनीतिक नेतृत्व के हाथ में है. हालांकि, दो प्रमुख मुद्दे अब भी अटके हुए हैं जिन पर सहमति बननी बाकी है.


