'मैंने कन्या वध किया है... राधिका की हत्या के बाद फूट-फूटकर रोया पिता दीपक
गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की बेरहमी से हत्या करने वाले पिता दीपक यादव का गुनाह अब उसके खुद के शब्दों में सामने आ गया है. राधिका के चाचा विजय यादव ने बताया कि दीपक ने पुलिस स्टेशन में न केवल अपना अपराध कबूला, बल्कि यह कहते हुए फांसी की सज़ा मांगी 'FIR ऐसी लिखो कि मुझे फांसी हो जाए... मैंने कन्या वध किया है.'

गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की निर्मम हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है. आरोपी पिता दीपक यादव ने पुलिस और परिवार के सामने अपना गुनाह कबूलते हुए कहा, “भाई, मैंने कन्या वध कर दिया है... मुझे मार दो.” राधिका के चाचा विजय यादव ने बताया कि दीपक ने पुलिस स्टेशन में भी यह बात कही और फांसी की सजा की मांग की.
इस सनसनीखेज हत्याकांड में अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि दीपक यादव अपनी बेटी की हत्या के बाद गहरे पछतावे और मानसिक टूटन से जूझ रहा है. विजय यादव ने बताया कि दीपक ने बेटी की परवरिश और टेनिस ट्रेनिंग में वर्षों मेहनत की थी, लेकिन एक क्षण की मानसिक अस्थिरता में उसने सबकुछ खत्म कर दिया.
पुलिस और परिवार दोनों के सामने कबूलनामा
विजय यादव ने एएनआई से बातचीत में बताया, “उसने मुझसे कहा- ‘भाई, मैंने कन्या वध कर दिया है, मुझे मार दो.’ वह कोई वजह नहीं बता पाया... उसने कहा कि उसका दिमागी संतुलन बिगड़ गया था. पुलिस स्टेशन में भी उसने कहा कि अगर फांसी की सजा का कोई नियम है तो मुझे फांसी पर लटका दो.” विजय यादव ने यह भी कहा कि राधिका एक टेनिस कोच थीं, लेकिन उनके हिसाब से उन्होंने कोई अकादमी खुद की नहीं खोली थी.
बेटी की ट्रेनिंग में झोंक दी जिंदगी
विजय यादव ने बताया कि दीपक अपनी बेटी राधिका की ट्रेनिंग के लिए पूरी तरह समर्पित था. “वह सुबह 5 बजे उसे ट्रेनिंग पर ले जाता था और शाम तक साथ रहता था. उसने बेटी की खेल यात्रा में हर मुमकिन योगदान दिया.” उन्होंने कहा कि दीपक का परिवार शुरू से संपन्न था और उसने राधिका के लिए हर संभव सुविधा दी. “जब गांव में सबके घर कच्चे थे, तब इनके पास पक्का मकान था. दीपक ने कड़ी मेहनत की. जब कोई इंसान अपने किए पर पछताता है, तो उससे बड़ी कोई सजा नहीं होती.”
गोली मारते वक्त पीछे से किया हमला
गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे जब राधिका सेक्टर 57 स्थित अपने घर की पहली मंजिल पर रसोई में खाना बना रही थी, तभी दीपक ने पीछे से उस पर गोलियां चला दीं. 49 वर्षीय दीपक ने अपनी ही बेटी पर पांच गोलियां दागीं. पुलिस के अनुसार, तीन गोलियां उसकी पीठ में और एक कंधे में लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
बेटी की कमाई को लेकर मन में था द्वंद्व?
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि राधिका एक टेनिस अकादमी चला रही थी और उसे लेकर पिता-पुत्री में तनाव था. दीपक को यह बुरा लगता था कि समाज में लोग उसे बेटी की कमाई पर निर्भर मानते हैं. यह बात उसके आत्मसम्मान को चोट पहुंचा रही थी.
हालांकि राधिका के चाचा विजय यादव ने यह साफ किया कि परिवार में इंटरकास्ट शादी या प्रेम-प्रसंग को लेकर कोई विवाद नहीं था. उनका कहना है कि अगर ऐसा कुछ होता भी, तो परिवार पढ़ा-लिखा है, गांव में ही हल निकल आता.
कोर्ट ने भेजा न्यायिक हिरासत में
पुलिस ने दीपक यादव को घटना के अगले दिन कोर्ट में पेश किया था, जहां उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया. शनिवार को दोबारा कोर्ट में पेशी के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पूरा परिवार सदमे में, समाज भी स्तब्ध
इस पूरे घटनाक्रम से राधिका का परिवार पूरी तरह टूट चुका है. एक होनहार बेटी, जिसने टेनिस के क्षेत्र में नाम कमाया और जिसे एक मॉडल बनने का सपना था, उसकी जिंदगी उसके अपने ही पिता ने खत्म कर दी. विजय यादव ने कहा, “राधिका ने एक गाना भी लिखा था. वह विज्ञापन जगत में जाना चाहती थी. पूरा परिवार उसके सपनों से खुश था.”


