साधना या मजबूरी? गोकर्ण की गुफा में 2 बेटियों संग मिली रूसी महिला, 2017 में एक्सपायर हो गया था वीजा
कर्नाटक के गोकर्ण के जंगलों में एक गुफा से एक रूसी महिला और उसकी दो नाबालिग बेटियां मिलीं. जांच में सामने आया कि महिला का वीजा 2017 में ही समाप्त हो चुका है. उसकी दोनों बेटियां भारत में जन्मी हैं. महिला ने दावा किया कि वह ध्यान-साधना के लिए गोकर्ण आई थी.

Russian woman in Gokarna cave: एक हैरान कर देने वाली घटना में, कर्नाटक के गोकर्ण क्षेत्र के रामतीर्थ पहाड़ी इलाके की एक गुफा में एक रूसी महिला अपने दो नाबालिग बच्चियों के साथ रह रही थी. पुलिस को महिला के पासपोर्ट से पता चला कि उसका वीजा साल 2017 में ही समाप्त हो चुका है, जबकि दोनों बेटियां भारत में ही जन्मी हैं. महिला की पहचान 40 वर्षीय नीना कुटीना के रूप में हुई है, जो बीते सात वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रही थी. उसने दावा किया कि वह गोवा में रह रही थी और ध्यान-साधना के लिए चार दिन पहले ही गोकर्ण आई थी.
शुक्रवार शाम गोकर्ण थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर श्रीधर एसआर के नेतृत्व में पुलिस टीम रामतीर्थ हिल के जंगलों में पेट्रोलिंग कर रही थी. इसी दौरान एक गुफा में कुछ संदिग्ध गतिविधियां दिखाई दीं. जब पुलिस ने पास जाकर जांच की तो एक विदेशी महिला अपने दो बच्चों के साथ वहां रह रही थी. पुलिस को हैरानी इस बात पर हुई कि इतना खतरनाक और सर्पों से भरा इलाका कोई महिला बच्चों के साथ क्यों चुनेगी? पूछताछ में महिला ने खुद को नीना कुटीना बताया और कहा, "मैं कर्नाटक ध्यान के लिए आई थी."
गुफा में मिला भगवान राम का विग्रह
पुलिस को गुफा की तलाशी में भगवान राम की एक मूर्ति भी मिली, जिसे लेकर नीना ने बताया कि वह उसकी पूजा करती है. यह भी बताया गया कि दोनों बेटियां 6 वर्षीय प्रेमा और 4 वर्षीय अमा भारत में ही जन्मी हैं और अब तक देश से बाहर नहीं गई हैं.
जहरीले सांपों से भरे जंगल में साधना
जिस गुफा में नीना और उसकी बेटियां रह रही थीं, वह इलाका भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है. साथ ही यहाँ जहरीले सांपों और जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है. ऐसे क्षेत्र में बच्चों सहित किसी का रहना सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत चिंताजनक है.
पासपोर्ट-जांच में हुआ बड़ा खुलासा
गुफा की जांच के दौरान पुलिस को नीना का पासपोर्ट और वीजा मिला, जिसमें अंतिम वैधता तिथि 17 अप्रैल 2017 दर्ज थी. इसका मतलब है कि नीना बीते 7 वर्षों से बिना वैध वीजा भारत में रह रही थी.
तीनों महिला पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट
फिलहाल नीना और उसकी बेटियों को अस्थायी रूप से एक महिला पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट किया गया है. इस बीच, पुलिस ने बेंगलुरु स्थित विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRRO) से संपर्क कर उनके प्रत्यावर्तन (रिपैट्रिएशन) की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इस पूरी घटना से स्थानीय प्रशासन और वन विभाग भी सकते में हैं. उन्होंने गुफा क्षेत्र की विस्तृत जांच शुरू कर दी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां और कोई अवैध गतिविधि या व्यक्ति तो नहीं छुपा है.


