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हैदराबाद में फर्जी IVF रैकेट का पर्दाफाश: 90,000 में खरीदा, 35 लाख में शिशु को बेचा, क्लिनिक फर्जी लाइसेंस से चल रहा था

हैदराबाद पुलिस ने यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर में बड़े सरोगेसी घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें डॉ. अथलुरी नम्रता समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि इन लोगों ने IVF के नाम पर दम्पतियों को शिशु बेचने का गैरकानूनी काम किया यह क्लिनिक 2021 से बिना वैध लाइसेंस के चल रहा था.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Hyderabad Surrogacy Racket: हैदराबाद में एक फर्टिलिटी क्लिनिक से जुड़े सरोगेसी मामले में एक नया मोड़ आया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि बच्चे को कथित तौर पर एक गरीब परिवार से खरीदा गया था और उसे एक दंपति को सौंपा गया था, जिन्होंने 2024 में IVF उपचार के लिए क्लिनिक से संपर्क किया था. इस मामले में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी डॉ. अथलुरी नम्रता और उनके सहयोगी शामिल हैं. आरोप है कि डॉ. नम्रता और उनकी टीम सरोगेसी के नाम पर ग्राहकों को ठग रहे थे और गरीब गर्भवती महिलाओं से बच्चों को खरीदकर उन्हें निःसंतान पैरेंट्स को बेच रहे थे.

पुलिस ने बताया कि डॉ. नम्रता और उनके सहयोगियों ने एक दंपति से सरोगेसी का विकल्प चुनने के लिए 35 लाख रुपये की राशि ली थी और यह आश्वासन दिया था कि बच्चा जैविक रूप से उनका होगा. हालांकि, जब दंपति ने DNA टेस्ट करवाया, तो पता चला कि बच्चा जैविक रूप से उनका नहीं था. इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और पुलिस अन्य दंपत्तियों की जांच कर रही है, जिन्होंने सरोगेसी और IVF उपचार के लिए इस क्लिनिक से संपर्क किया था.

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

हैदराबाद पुलिस ने मुख्य आरोपी डॉ. अथलुरी नम्रता (64) और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सरकारी गांधी अस्पताल की एनेस्थेटिस्ट डॉ. नरगुला सदानन्दम (41), उनके बेटे पी. जयंत कृष्णा (25), क्लिनिक के कर्मचारी सी. कल्याणी अच्चय्याम्मा (40), जी. चेन्ना राव (37) और एक एजेंट धनश्री संतोषी (38) शामिल हैं. इन सभी पर सरोगेसी रैकेट चलाने, बच्चों को बेचने और ठगी करने का आरोप है. DCP (उत्तरी क्षेत्र) एस रश्मि पेरुमल ने बताया, 'हम उन अन्य दम्पतियों की जांच कर रहे हैं, जिन्होंने इस प्रजनन केंद्र की शाखाओं से सरोगेसी और आईवीएफ उपचार लिया था.' उन्होंने आगे कहा कि 'आरोपियों ने अवैध तरीके से गरीब गर्भवती महिलाओं से बच्चों को खरीदा और उन्हें निःसंतान पैरेंट्स को बेचा.'

पहले भी हुई थीं जांचें

डॉ. नम्रता और उनके क्लिनिक के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं. 2016 और 2020 में उन्हें जांच के घेरे में लिया गया था. 2016 में तेलंगाना मेडिकल काउंसिल ने उनका लाइसेंस पांच साल के लिए निलंबित कर दिया था, जब एक एनआरआई दंपति ने आरोप लगाया था कि सरोगेसी के जरिए दिया गया बच्चा उनका जैविक बच्चा नहीं था. इसके बाद 2020 में विशाखापत्तनम पुलिस ने डॉ. नम्रता और उनके सहयोगियों को नवजात शिशुओं की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था.

बच्चा बेचने की साजिश का खुलासा

यह मामला 26 जुलाई को सामने आया, जब एक दंपति ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें सृष्टि टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर द्वारा सरोगेसी के जरिए एक बच्चा दिया गया था, जो जैविक रूप से उनका नहीं था. दंपति ने डीएनए टेस्ट करवाने के बाद इस बात की पुष्टि की. शिकायत के अनुसार, दंपति ने इस प्रक्रिया के लिए 35 लाख रुपये का भुगतान किया था. पुलिस ने बताया कि 'मुख्य आरोपी से पूछताछ के बाद पता चला कि यह कोई सरोगेसी मामला नहीं था. डॉ. नम्रता और उनके कर्मचारियों ने गरीब महिलाओं से बच्चे खरीदे और उन्हें निःसंतान पैरेंट्स को बेचा.'

शिशु के माता-पिता

पुलिस ने बताया कि शिशु के जैविक माता-पिता असम के रहने वाले थे और उन्हें 90,000 रुपये दिए गए थे. मां को प्रसव के लिए विशाखापत्तनम भेजा गया था. बच्चा दो दिन का था जब उसे शिकायतकर्ता दंपति को यह समझाकर सौंपा गया कि यह उनका जैविक बच्चा है.

स्वास्थ्य विभाग को धोखा

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गोपालपुरम स्थित प्रजनन केंद्र पर छापा मारा. यहां उन्हें ऐसे उपकरण मिले, जो यह साबित करते हैं कि डॉ. नम्रता बिना लाइसेंस के आईवीएफ और अन्य चिकित्सा प्रक्रियाएं कर रही थीं. हैदराबाद के जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (डीएमएचओ) डॉ. जे. वेंकट ने बताया, 'जब स्वास्थ्य अधिकारी तिमाही निरीक्षण के लिए आते थे, तो यह क्लिनिक बंद रहता था और ऐसा लगता था कि यह कोई आवासीय परिसर है.'

पुलिस ने बताया कि डॉ. नम्रता के बेटे पी. जयंत कृष्णा (25), जो एक वकील हैं, ने भी इस रैकेट में मदद की थी. वे अपनी मां के पैसों का प्रबंधन करते थे और ग्राहकों को डराने-धमकाने का काम भी करते थे. डीसीपी ने कहा, 'आरोपी ने व्यावसायिक सरोगेसी में भी संलिप्तता दिखायी, जो भारत में अवैध है. केवल परोपकारी सरोगेसी को ही अनुमति है.'

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28 July 2025, 01:25 PM IST

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