नौकरी और शादी का लालच… फिर धर्मांतरण का खेल! छांगुर बाबा ने 1500 हिंदू लड़कियों को बनाया शिकार, दुबई तक नेटवर्क
छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया है। बाबा पर आरोप है कि उसने नौकरी, शादी और आर्थिक मदद का लालच देकर 1500 से ज्यादा हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया। ये खेल सिर्फ भारत तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका नेटवर्क दुबई और खाड़ी देशों तक फैला हुआ था.

उत्तर प्रदेश एटीएस की गिरफ्त में आए छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के मामले में अब चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. बलरामपुर के मधपुर गांव में रहने वाला यह शख्स न सिर्फ भारत के कई राज्यों में धर्मांतरण करवा रहा था, बल्कि उसका नेटवर्क दुबई तक फैला हुआ था. एटीएस के अनुसार, बाबा ने अब तक 1500 से ज्यादा हिंदू लड़कियों का जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया है.
बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद अब जांच एजेंसियां उससे जुड़े हर उस व्यक्ति और संस्था की तलाश में जुट गई हैं, जो इस अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट का हिस्सा रहे हैं. बाबा के शिकार बने लोग केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र, मुंबई और खाड़ी देशों में भी उसके गहरे संपर्क थे.
दुबई से महाराष्ट्र तक फैला था नेटवर्क
बाबा का नेटवर्क यूपी के बाहर भी सक्रिय था. बलरामपुर आने से पहले वह महाराष्ट्र में भी धर्मांतरण के काम में जुटा था. जांच में सामने आया है कि उसने मुंबई में एक दरगाह के बाहर अंगूठियां बेचने का काम शुरू किया और वहीं से उसका संपर्क खाड़ी देशों की उन संस्थाओं से हुआ, जो भारत में गैर-मुस्लिमों का इस्लाम में धर्मांतरण करवा रही हैं.
महिलाओं को बनाया आसान निशाना
एटीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, छांगुर बाबा के अनुयायियों में महिलाओं की संख्या अधिक थी. खास तौर पर युवा और गरीब हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया गया. बाबा की टीम उन्हें इस्लाम अपनाने पर आर्थिक मदद, नौकरी और शादी जैसे झांसे देती थी. धर्म परिवर्तन कराने के बाद उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल कर लिया जाता था.
बदलनी थी बलरामपुर की डेमोग्राफी
छांगुर बाबा बलरामपुर और उसके आसपास के जिलों की जनसंख्या संरचना (डेमोग्राफी) को बदलना चाहता था. एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी बाबा से मिले हुए थे. यह आरोप है कि इन अधिकारियों ने पैसों के बदले उसकी गतिविधियों पर आंखें मूंद ली थीं.
आजमगढ़ में पहले से दर्ज हैं मामले
बाबा और उसके करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ आजमगढ़ में भी दो साल पहले धर्मांतरण से जुड़े मामले दर्ज हो चुके हैं. यह साफ संकेत हैं कि बाबा लंबे समय से इस काम में लगा था और अब जाकर उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी है.
सात दिन की रिमांड पर बाबा
कोर्ट ने बुधवार को बाबा और उसकी सहयोगी नसरीन को सात दिन की एटीएस रिमांड पर भेज दिया है. रिमांड गुरुवार से शुरू हो चुकी है. इस दौरान बाबा से आईबी और एनआईए के अधिकारी भी पूछताछ करेंगे ताकि उसके विदेशी संपर्कों और नेटवर्क की परतें खोली जा सकें.


