दिल्ली में ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन पर भीषण आग, दो किशोरों की जलकर मौत
दिल्ली के शाहदरा के राम नगर इलाके में रविवार सुबह एक ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन में भीषण आग लग गई, जिसमें दो किशोरों की जलकर मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. मृतक मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के रहने वाले थे और गन्ने का जूस बेचकर जीवन यापन करते थे.

दिल्ली के शाहदरा क्षेत्र के राम नगर में स्थित एक ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन में रविवार सुबह भीषण आग लगने से दो किशोर जलकर मौत के घाट उतर गए, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से झुलस गए. आग लगने की प्राथमिक जांच में यह अनुमान लगाया गया है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग भड़क गई थी. यह घटना न केवल मानव जीवन की भारी क्षति का उदाहरण है, बल्कि सुरक्षा के मानकों की भी अनदेखी उजागर करती है.
आग ने एक टिन के शेड में रखा ई-रिक्शा चार्जिंग और पार्किंग स्टेशन पूरी तरह तबाह कर दिया, जहां आमदनी के लिए गन्ने के जूस की मशीनें भी रखी गई थीं. पीड़ितों की आपबीती और बचाव कार्य की पूरी जानकारी पुलिस और दमकल विभाग ने साझा की है.
दो किशोरों की दर्दनाक मौत, चार घायल
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के 19 वर्षीय बृजेश और 18 वर्षीय मनीराम की जलकर मौत हो गई. दोनों घटना के वक्त सो रहे थे और आग लगने के कारण शेड के अंदर फंस गए. उनकी जली हुई लाशें आग बुझने के बाद मलबे से बरामद की गईं. वहीं, चार अन्य किशोरों—हरिशंकर (19), रिंकू (18), मुकेश (22) और विपिन (19)—को गंभीर हालत में गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हरिशंकर के शरीर का 45%, रिंकू का 30%, जबकि मुकेश और विपिन का लगभग 7% हिस्सा जल चुका है.
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका
आग लगभग सुबह 6:40 बजे लगी, जब दमकल विभाग को इसकी सूचना मिली. दमकल विभाग की पांच गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर करीब डेढ़ घंटे में आग पर काबू पाया. प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि चार्जिंग के दौरान शॉर्ट सर्किट के कारण आग भड़क गई. हालांकि, घटना स्थल पर अग्नि सुरक्षा के बुनियादी इंतजाम न होने की बात भी सामने आई है.
पुलिस ने शेड के प्रभारी को किया गिरफ्तार
पुलिस ने शेड के प्रभारी विनोद राठौर को हिरासत में लिया है, जो इस गोदाम को किराए पर लेकर संचालन करते थे. उनसे सुरक्षा मानकों और शेड में कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस अधिकारी ने बताया, "कानूनी कार्रवाई की जा रही है. राठौर से सुरक्षा मानकों को लेकर जानकारी ली जा रही है. जांच में पता चला है कि शेड में अग्नि सुरक्षा उपकरण भी मौजूद नहीं थे."
ई-रिक्शा और गन्ने के जूस का सहारा
मारे गए और घायल हुए सभी छह युवक ई-रिक्शा पर गन्ने का जूस बेचकर अपना जीवन यापन करते थे. वे इसी शेड में रहते थे, जो अब उनके लिए मौत का कारण बन गया. यह हादसा गरीब तबके के युवाओं की कठिनाइयों और असुरक्षा को भी उजागर करता है.


