Mi-17 हेलीकॉप्टर अपग्रेड, MRSAM मिसाइलें ...रक्षा मंत्रालय ने 79 हजार करोड़ की खरीद प्रस्ताव को दी मंजूरी
डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने लगभग 79 हजार करोड़ रुपये के रक्षा खरीद और अपग्रेड प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इसमें टी-90 टैंकों और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का आधुनिकीकरण, आधुनिक ड्रोन और मिसाइलों की खरीद, पिनाका रॉकेट विकास तथा AWACS व रिफ्यूलर जैसे रणनीतिक प्लेटफॉर्म शामिल हैं.

नई दिल्ली : भारत की रक्षा तैयारियों को नई गति देते हुए रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने करीब 79 हजार करोड़ रुपये के रक्षा खरीद और अपग्रेड प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बदलते वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा हालात के बीच भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की जरूरत और भी बढ़ गई है. इस मंजूरी से थलसेना, वायुसेना और नौसेना की युद्ध क्षमता, तकनीकी मजबूती और ऑपरेशनल तैयारियों को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है.
पुराने प्लेटफॉर्म्स को मिलेगा नया जीवन
हेलीकॉप्टर और वायुसेना की मजबूती
वायुसेना के लिए एमआई-17 मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टरों के मिड-लाइफ अपग्रेड को भी मंजूरी दी गई है. इससे इन हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता और भरोसेमंदी में सुधार होगा. इसके साथ ही लंबी दूरी और जटिल अभियानों के लिए एयर-टू-एयर रिफ्यूलर और एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) से जुड़े प्रस्तावों में आवश्यक बदलावों को स्वीकृति दी गई है. इससे भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता और निगरानी दायरा काफी बढ़ जाएगा.
आधुनिक युद्ध के लिए ड्रोन और मिसाइलें
आधुनिक युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लोइटरिंग मुनिशन यानी कामिकाज़ ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी गई है. ये ड्रोन दुश्मन के इलाके में लंबे समय तक मंडराकर सटीक हमला करने में सक्षम होते हैं. इसके अलावा नौसेना और वायुसेना के लिए मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) की खरीद से हवाई और समुद्री सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा.
वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए स्वदेशी Astra मार्क-2 एयर-टू-एयर मिसाइलों के विकास और बड़े पैमाने पर खरीद को भी स्वीकृति दी गई है. 200 किलोमीटर से अधिक रेंज वाली ये मिसाइलें दुश्मन के विमानों के लिए गंभीर चुनौती बनेंगी. इसके साथ ही सीमित संख्या में मीटियोर मिसाइलें भी शामिल की जाएंगी, जो पहले से ही अपनी लंबी दूरी और उच्च सटीकता के लिए जानी जाती हैं.
पिनाका और सटीक हमले की क्षमता
थलसेना के लिए पिनाका रॉकेट सिस्टम के और उन्नत संस्करण का विकास भी मंजूर किया गया है. नई पिनाका रॉकेट की रेंज लगभग 120 किलोमीटर होगी, जिसे मौजूदा लॉन्चर से ही दागा जा सकेगा. वहीं, इजरायल से स्पाइस-1000 एयर-टू-ग्राउंड गाइडेड बमों की खरीद पर भी चर्चा हुई है, जो सटीक हमलों में बेहद कारगर माने जाते हैं.
समुद्री निगरानी और रणनीतिक संदेश
समुद्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमेरिका से दो MQ-9B सी गार्जियन ड्रोन को तीन साल के लिए लीज पर लेने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जा रहा है. ये ड्रोन लंबी अवधि तक उड़ान भरकर समुद्री निगरानी में अहम भूमिका निभाते हैं. भारत पहले ही ऐसे 31 ड्रोन खरीदने का सौदा कर चुका है, जिनकी आपूर्ति 2028 से शुरू होगी.
कुल मिलाकर रणनीतिक बढ़त
DAC के ये फैसले न सिर्फ भारतीय सेनाओं की युद्ध तैयारी को नई ऊंचाई देंगे, बल्कि सीमाओं पर एक मजबूत रणनीतिक संदेश भी देंगे. स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा, आधुनिक हथियारों की तैनाती और लंबी दूरी की क्षमता में इजाफा भारत की रक्षा नीति को और सशक्त बनाएगा. अब इन प्रस्तावों को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मंजूरी के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके बाद ठेके जारी किए जाएंगे.


